किसान आंदोलनः चलीं रबर की गोलियां, 100 से ज्यादा किसान तो डीसीपी समेत 19 जवान घायल, पढे और क्या हुआ
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किसान आंदोलनः चलीं रबर की गोलियां, 100 से ज्यादा किसान तो डीसीपी समेत 19 जवान घायल, पढे और क्या हुआ

किसान आंदोलन के मध्य नजर किसान और जवान आमने-सामने है। दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, गाजियाबाद और नोएडा के बॉर्डर मंगलवार सुबह से ही सील कर दिए गए थे। हरियाणा के पंजाब से जुड़े शंभू, ट्यूकर, चीका, दातासिंह वाला, खनौरी, डबवाली, कालांवाली, रोड़ी, रतिया, जाखल और टोहाना बॉर्डर पर वाहनों के आने जाने पर पूरी लगा दी गई थी। किसानो और जवानों की झड़प में 100 से ज्यादा किसान और 19 जवान घायल हुए।

 

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वर्ता हुई थी विफल
एमएसपी गारंटी कानून और कर्जमाफी समेत 12 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों ने सरकार से वार्ता विफल होने के बाद दिल्ली के लिए कूच कर दिया। पंजाब के विभिन्न इलाकों से ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर टेंट व राशन लेकर निकले किसानों को हरियाणा के बॉर्डर पर रोक दिया गया है। सील किए गए पटियाला के शंभू और जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों की बीच कई बार टकराव हुआ। पथराव और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन और रबड़ की गोलियां चलाईं। जींद में किसानों पर लाठियां भी बरसाई गईं। दोनों बॉर्डर पर हुए टकराव में 100 किसान व अंबाला के नारायणगढ़ के डीएसपी समेत 19 जवान घायल हुए हैं। वहीं, पंजाब से सटी हरियाणा की सभी 14 सीमाओं पर करीब 20 हजार किसान जमा हैं। उनको रोकने के लिए हरियाणा में अर्धसैनिक बलों की 64 कंपनियां और पुलिस की 50 कंपनियां तैनात की गई हैं। फिलहाल, हरियाणा के किसी भी बॉर्डर से पंजाब के किसान आगे नहीं बढ़ पाए हैं। रात 8 बजे किसानों ने एलान किया कि अब वे बुधवार को दिल्ली के लिए कूच करेंगे। रात को किसानों ने वहीं डेरा डाल दिया।इससे पहले, दिल्ली कूच के लिए आमादा किसानों ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की पहली लेयर को तोड़ दिया है, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया है। हरियाणा पुलिस की ओर से बॉर्डर पर जैमर लगाने के कारण पंजाब की तरफ भी इंटरनेट सेवाएं बंद हो गई हैं। हरियाणा पुलिस ने कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया है। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर पंजाब के फतेहगढ़ साहिब, लाडोवाल और अमृतसर से सुबह लगभग 10 बजे किसानों के जत्थे दिल्ली के लिए रवाना हुए। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। किसान बॉर्डर पर लगे बैरिकेड हटाने के लिए जेसीबी मशीन भी साथ लेकर चले हैं।

 

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पंजाब की सीमा में 300 मीटर अंदर तक गिराए आंसू गैस के गोले
शंभू बॉर्डर पर सुबह 10.30 बजे से किसान जमा होने लगे थे। करीब 11 बजे किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जो पंजाब सीमा में 300 मीटर अंदर तक गिराए गए। सुरक्षाबलों ने ड्रोन की सहायता से खेतों और घग्गर किनारे जमा किसानों की भीड़ पर भी आंसू गैस के गोले दागे। सुबह 11 बजे से शाम छह बजे के बीच किसानों और सुरक्षाबलों में करीब पांच बार टकराव हुआ। शंभू बॉर्डर पर करीब शाम पांच बजे तक करीब चार हजार किसान 800 ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर पहुंच चुके थे। आंसू गैस की वजह से मची भगदड़ में कुछ किसान घायल भी हुए हैं और कुछ की हालत बिगड़ गई। घायल किसानों को राजपुरा के अस्पताल, जबकि पुलिसकर्मियों को अंबाला के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

 

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दातासिंह वाला बॉर्डर पर भी बल प्रयोग
पंजाब के खनौरी से आने वाले किसानों का जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर रोकने की कोशिश करने पर आज दोपहर 2.40 बजे टकराव हुआ। पंजाब के किसान सड़क पर बिछाई गई कीलें निकाले लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिए और पानी की बौछारें भी कीं। इससे एक बार तो किसान पीछे हट गए, लेकिन कुछ देर बाद ही फिर सड़क पर आ डटे और कीलें निकालने लगे। पुलिस ने दोबारा आंसू गैस के गोले छोड़े। यहां काफी संख्या में हरियाणा के किसान भी पंजाब की तरफ पहुंच गए और प्रदर्शनकारियों का साथ देने लगे। शाम चार बजे पंजाब के किसानों का एक और जत्था बॉर्डर पर पहुंच गया था। इसके बाद किसानों ने एक बार फिर बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले चलाए।

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