छापेमारी में मिले संदिग्ध दस्तावेज
सोमवार (3 नवंबर) को नदिया और कोलकाता में कई ठिकानों पर छापेमारी के बाद मंगलवार (4 नवंबर) को गुप्ता के खरदह स्थित आवास पर देर रात तक तलाशी चली। इस दौरान महत्वपूर्ण और संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए। ईडी अधिकारी ने बताया कि गुप्ता ने पूछताछ में दावा किया कि वे मसाला व्यापार करते हैं और बैंकॉक की यात्राएं व्यापारिक कारणों से थीं।
हालांकि, जांच में सामने आया है कि गुप्ता विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) कारोबार में भी शामिल हैं। उनकी वित्तीय गतिविधियां संदिग्ध लग रही हैं और यह जांचा जा रहा है कि क्या बैंकॉक के दौरे अवैध फॉरेक्स लेनदेन से जुड़े थे। अधिकारी ने कहा, “उन्हें आगे पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है।”
फर्जी पासपोर्ट रैकेट का कनेक्शन
यह मामला अक्टूबर में तब नया मोड़ ले गया जब ईडी ने पाकिस्तानी नागरिक आजाद मलिक को फर्जी पासपोर्ट रैकेट के सिलसिले में गिरफ्तार किया। मलिक की पूछताछ के आधार पर उत्तर 24 परगना और नदिया के गेदे बॉर्डर इलाके में छापे पड़े। इसके बाद नदिया के शिबपुर से इंदुभूषण हालदार को भी गिरफ्तार किया गया।
हालदार की पूछताछ में विनोद गुप्ता का नाम सामने आया। जांच में पता चला कि फर्जी पासपोर्ट रैकेट से कमाई गई रकम को फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश किया जा रहा था, जिसके चलते जांच की आंच गुप्ता तक पहुंची।
ईडी का फोकस
• 900 बैंकॉक यात्राओं का उद्देश्य
• फर्जी पासपोर्ट नेटवर्क से वित्तीय लिंक
• अवैध फॉरेक्स लेनदेन की संभावना
ईडी अब इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि क्या ये बार-बार की यात्राएं मसाला व्यापार के दावे से परे, अंतरराष्ट्रीय अपराधी नेटवर्क का हिस्सा थीं।

