ऋषभ और सोनाली की प्रेम कहानी 2014 से शुरू होती है, जब दोनों की मुलाकात कॉलेज में हुई। 2015 में ऋषभ ने प्रपोज किया और महज दस दिनों में सोनाली ने हामी भर दी। दोनों ग्रेजुएट हैं और निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं। छोटी-छोटी बचतों से उन्होंने शादी का सपना सजाया, एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ निभाया। 23 नवंबर को इंदौर में हुई उनकी शादी के दो दिन बाद, ऋषभ की बहन ने रिकॉर्ड किया एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। वीडियो में जोड़ा सोफे पर बैठे शादी के पल देखते हुए मुस्कुरा रहा था। लेकिन वायरल होते ही ट्रोलिंग की बाढ़ आ गई।
सोशल मीडिया पर कमेंट्स की बौछार हुई। कोई कहता, “दुल्हन गोरी, दूल्हा सांवला – ये तो मजाक लग रहा है।” तो कोई अफवाह फैलाता कि सोनाली ने “सरकारी नौकरी या पैसे के लालच” में शादी की। उन्हें “गोल्ड डिगर” कहा गया, यह तक कयास लगाए गए कि ऋषभ के पास “पांच पेट्रोल पंप” हैं या वह “मंत्री का बेटा” है। वीडियो में ऋषभ के परिवार के सदस्य भी नजर आ रहे थे, जिन पर भी भद्दे मजाक उड़ाए गए। पड़ोस की एक आंटी ने तो शादी की रस्म के बीच ऋषभ की मां को ही बता दिया, “आपके बेटे का वीडियो वायरल हो गया है, मीम्स भी बन रहे हैं।” ऋषभ बताते हैं, “शुरू में तो मजाक लगा, लेकिन फोन खोलकर देखा तो धक्का सा लगा। 11 साल की जर्नी को नजरअंदाज कर सिर्फ रंग पर सवाल उठा दिया।”
इस ट्रोलिंग ने जोड़े को तो हिला दिया, लेकिन उन्होंने इसे मौके में बदल लिया। सोनाली कहती हैं, “उस वीडियो में सबसे साफ दिख रही थी हमारी खुशी, लेकिन ऑनलाइन दुनिया में वो गायब हो गई। ध्यान सिर्फ स्किन कलर पर टिक गया। रिश्ता रंग पर नहीं, सम्मान और व्यवहार पर टिका होता है।” ऋषभ जोड़ते हैं, “भारत जैसे विविध देश में 70-80 प्रतिशत लोग सांवले हैं, फिर भी गोरे रंग को बेहतर मानना दुखद है। क्या रंग से चरित्र तय होता है? अगर गोरा लड़का अपराध करे तो क्या हम उसे माफ कर देंगे?” दोनों का मानना है कि यह घटना सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे समाज की सोच को आईना दिखाती है। सोनाली ने कहा, “लोगों के लिए ये व्यूज का जरिया था, लेकिन हमारी प्राइवेसी और जिंदगी प्रभावित हुई। फिर भी, हम एक-दूसरे के सपोर्ट सिस्टम हैं। दुनियावालों की ट्रोलिंग के बीच हमारे पास वो है जो ज्यादातर के पास नहीं – एक-दूसरे का साथ।”
यह वीडियो अब सिर्फ ट्रोलिंग का शिकार नहीं, बल्कि रंगभेद के खिलाफ एक बहस का प्रतीक बन चुका है। हिंदी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर हजारों यूजर्स ने जोड़े का समर्थन भी किया है, कहते हुए कि “प्यार रंग नहीं देखता।” लेकिन सवाल वही है – कब तक हमारी विविधता को रंग की नजर से तौलेंगे? ऋषभ-सोनाली की कहानी हमें याद दिलाती है कि असली सुंदरता दिल में होती है, न कि स्किन पर।

