Explosion in the Black Sea: नई दिल्ली। कुछ दिन पहले ब्लैक सी कोस्ट के पास रूस की शैडो फ्लीट से जुड़े एक टैंकर पर हुए कथित हमले को लेकर तुर्किए ने जानकारी साझा की थी। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, बिना पायलट वाले जहाजों (Unmanned Vessels) ने “विराट” नामक टैंकर को निशाना बनाया था। बताया गया था कि यह घटना शुक्रवार देर रात हुई थी और अगले ही दिन सुबह फिर से ऐसे ही जहाजों ने हमला किया था।
Explosion in the Black Sea:
तुर्किए के परिवहन मंत्रालय ने उस समय बताया था कि हमले से विराट को पानी की लाइन के ऊपर स्टारबोर्ड साइड पर हल्का नुकसान हुआ था। अच्छी खबर यह थी कि जहाज की स्थिति नियंत्रण में थी और क्रू मेंबर्स सुरक्षित थे।
हमला किसने किया था?
उस वक्त भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि इन हमलों के पीछे कौन था। जाँच एजेंसियाँ हमलों की प्रकृति और दिशा को लेकर अलग-अलग एंगल पर काम कर रही थीं, लेकिन कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी थी।
कैरोस जहाज में लगी आग
इसी दौरान एक और घटना ने ब्लैक सी क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया था। ‘कैरोस’ नाम का 274 मीटर लंबा टैंकर, जो रूस के नोवोरोस्सिय्स्क पोर्ट की ओर जा रहा था, उसने तुर्की तट से लगभग 28 नॉटिकल मील दूर “बाहरी टक्कर” की सूचना दी थी। इस टक्कर के बाद जहाज में आग लग गई थी।
तुर्किए के बचाव दल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 25 क्रू सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाला था, जबकि आग को ठंडा करने और बुझाने का अभियान लंबे समय तक जारी रहा।
प्रतिबंधित जहाज
LSEG डेटा के मुताबिक, विराट और कैरोस—दोनों ही टैंकर यूक्रेन-रूस युद्ध शुरू होने के बाद लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की सूची में शामिल बताए जाते रहे हैं।
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