नोएडा प्राधिकरण में तबादले के बाद भी दूसरी जगह ज्वाइन नहीं कर रहे अधिकारी-कर्मचारी, जानिए क्यों

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण में तबादला होने के बाद भी कई अधिकारी और कर्मचारी नई जगह पर कार्यभार ग्रहण करने से बच रहे हैं। तबादला हुए महीने और साल हो गए है बावजूद इसके उन्हें रिलिव नही किया जा रहा है। हालांकि जब तबादले के आदेश आते है तो उसमें साफ लिखा होता है कि कार्यमुक्त होने की प्रतिक्षा किये बिना दूसरी जगह जाकर ज्वांइन करें।
प्राधिकरण का कामकाज हो रहा प्रभावित
बता दें कि इस प्रवृत्ति ने प्राधिकरण के कामकाज को प्रभावित किया है और उच्चाधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। ये कर्मचारी तबादलों के बावजूद अपनी वर्तमान जगह पर बने रहने के लिए अलग.अलग तरह के बहाने बना रहे हैं। इस सबके चलते यहां तैनात अफसर पूरे मन से काम नही कर पाते और उनके अधिकार भी छिन जाते है।
तबादले से क्यों बचते हैं कर्मचारी
नोएडा प्राधिकरण में काम करने वाले कई अधिकारी और कर्मचारी यहां से दूसरी जगह जाना नहीं चाहते हैं। इसके पीछे कई वजहें हैंरू
आरामदायक तैनातीरू नोएडा को अक्सर एक श्मलाईदारश् या आकर्षक जगह माना जाता हैए जहां सुविधाएं और प्रभाव दोनों मिलते हैं। कर्मचारी ऐसी जगह से खुद को हटाना नहीं चाहते।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभावरू कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के पास राजनीतिक या प्रशासनिक स्तर पर अच्छी पकड़ होती है। वे इस प्रभाव का इस्तेमाल करके अपने तबादले रुकवाने की कोशिश करते हैं।
काम का दबावरू कुछ कर्मचारियों का मानना है कि नई जगह पर काम का माहौल अलग हो सकता है या फिर वहां काम का दबाव ज्यादा हो सकता हैए जिससे वे बचना चाहते हैं।
व्यक्तिगत कारणरू कई बार कर्मचारी अपने परिवारए बच्चों की पढ़ाई या अन्य व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए तबादले को टालने की कोशिश करते हैं।
प्राधिकरण की कार्रवाई
इस समस्या को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण के उच्चाधिकारियों ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ;सीईओ ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि तबादले की सूची में शामिल सभी कर्मचारियों को तुरंत अपनी नई तैनाती वाली जगह पर रिपोर्ट करना होगा। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें वेतन रोकना या अन्य प्रशासनिक दंड शामिल हो सकते हैं।

लबे समय से चली आ रही समस्या
प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, यह समस्या लंबे समय से चल रही थी। कुछ लोग तबादला होने के बाद भी महीनों तक अपनी पुरानी सीट पर बने रहते थे। इससे न सिर्फ नई जगह पर काम प्रभावित होता थाए बल्कि प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते थे।ष्
आगे की राह ऐसी होनी चाहिए
यह देखना होगा कि प्राधिकरण का यह सख्त रुख कितना प्रभावी साबित होता है। अगर अधिकारी.कर्मचारी आदेश का पालन करते हैं, तो इससे कार्यस्थल पर अनुशासन बढ़ेगा। हालांकि, यह भी सच है कि जब तक तबादला नीति में पारदर्शिता नहीं लाई जाती और कर्मचारियों की जायज परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया जाता। तब तक इस तरह की समस्याएं पूरी तरह खत्म नहीं होंगी।

 

 

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