महाअष्टमी पर देशभर में उत्साहपूर्ण कन्या पूजन, भक्तों ने मां महागौरी की आराधना कर मांगा मनोवांछित वरदान

Kanya Pujan (girl worship) across the country on Maha Ashtami: शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन महाअष्टमी का पावन पर्व आज धूमधाम से मनाया गया। पूरे देश में भक्तों ने मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा-अर्चना की, साथ ही कन्या पूजन के माध्यम से नारी शक्ति का सम्मान किया। छोटी कन्याओं को भगवती दुर्गा का प्रतीक मानकर उनकी पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति का विश्वास है। पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि आज शाम 6:06 बजे तक रही, और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 10:40 से दोपहर 12:10 तक रहा।

वाराणसी की गलियों में बंगाल जैसा रंग चढ़ा नजर आया। काशी को ‘मिनी बंगाल’ कहे जाने वाले इस शहर में दुर्गा पूजा पंडालों की सजावट ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। शिवपुर मिनी स्टेडियम में उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बने भव्य पंडाल में हजारों भक्त एकत्र हुए। यहां कन्या पूजन के दौरान भारी भीड़ उमड़ी, और सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी गई। एक स्थानीय भक्त ने कहा, “काशी में दुर्गा पूजा की यह धूम बंगाल से कम नहीं। आज कन्या पूजन से हमें मां की विशेष कृपा का अनुभव हुआ।” दूर-दूर से आए श्रद्धालु पंडालों का दर्शन कर रहे थे, जहां मां महागौरी की मूर्ति के आगे भक्तों ने दीप जलाए और आरती उतारी।

उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भी महाअष्टमी का विशेष महत्व रहा। यहां भस्म आरती और श्रृंगार दर्शन के बाद कन्या पूजन का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों परिवारों ने भाग लिया। मंदिर परिसर में मां महागौरी की पूजा के दौरान भक्तों ने ‘हर हर महादेव’ और ‘जय मां महागौरी’ के नारे लगाए। एक वरिष्ठ पुजारी ने बताया, “आज अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन से मां की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। भक्तों ने 9 कन्याओं को आमंत्रित कर पूजन किया, जो नवरात्रि की सिद्धि का प्रतीक है।” मंदिर में सूर्योदय से ही श्रद्धालुओं की भारी संख्या रही, और विक्रम संवत 2082 के अनुसार यह दिन दुर्गाष्टमी व्रत के लिए शुभ माना गया।
दिल्ली-एनसीआर, कोलकाता, भोपाल और अन्य शहरों में भी घर-घर कन्या पूजन की धूम रही। सोशल मीडिया पर भक्तों ने अपनी भावनाएं साझा कीं। एक यूजर ने लिखा, “महाअष्टमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है।

वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम। कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम। जय मां महागौरी!”

वहीं, एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “यह दिन हमें याद दिलाता है कि हर अंधकार पराजित होता है जब भीतर श्रद्धा और शक्ति जागती है। मां दुर्गा आपके जीवन में साहस, सुख-शांति और समृद्धि का संचार करें।” पंचजंग के अनुसार, आज मां महागौरी की पूजा से भक्तों को शांति और धर्म रक्षा की शक्ति मिलती है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, कन्या पूजन में 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को आमंत्रित कर उन्हें खीर, पूरी और हलवा प्रसाद चढ़ाना चाहिए। इस पूजन से न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि सामाजिक स्तर पर नारी सम्मान को बढ़ावा मिलता है। कल महानवमी पर यह पूजन जारी रहेगा, जहां रामनवमी का भी विधान है।

महाअष्टमी ने एक बार फिर सनातनी संस्कृति की जीवंतता को उजागर किया, जहां भक्ति और उत्साह का संगम देखने को मिला। सभी को इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। जय माता दी!

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