बहरेपन में स्टेम सेल के इलाज का लंदन में प्रशिक्षण लेकर लौटे ईएनटी सर्जन डॉ. बीपी त्यागी
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बहरेपन में स्टेम सेल के इलाज का लंदन में प्रशिक्षण लेकर लौटे ईएनटी सर्जन डॉ. बीपी त्यागी

बहरेपन में स्टेम सेल के इलाज का लंदन में प्रशिक्षण लेकर लौटे ईएनटी सर्जन डॉ. बीपी त्यागी
ghaziabad news बहरेपन में स्टेम सेल के इलाज का लंदन में प्रशिक्षण लेकर वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. बीपी त्यागी लौट आये हैं। जिन्होंने लंदन स्थित रॉयल कॉलेज आॅफ सर्जन्स आॅफ इंग्लैंड में प्रशिक्षण लेने लेने के लिए गए थे।
डॉ. बीपी त्यागी ने बुधवार को बधिरता में स्टेम सेल के उपयोग की प्रशिक्षण यात्रा और वर्कशॉप के कुछ तस्वीरें मीडिया के साथ साझा करते हुए बताया कि वो अपने देश के नागरिकों का स्टेम सेल से बहरेपन का इलाज करने के लिए काफी उत्साहित हैं।
उन्होंने बताया कि स्टेम सेल,अविभेदित कोशिकाएं होती हैं जिनमें रक्त,तंत्रिका,मांसपेशियों, हृदय,ग्रंथियों और त्वचा कोशिकाओं सहित शरीर की 200 प्रकार की कोशिकाओं में से एक बनने की क्षमता होती है। कुछ स्टेम सेल को शरीर की किसी भी प्रकार की कोशिका बनने के लिए ट्रिगर किया जा सकता है। अन्य कोशिकाएं पहले से ही आंशिक रूप से विभेदित होती हैं और केवल कुछ प्रकार की ही तंत्रिका कोशिका बन सकती है।
उन्होंने बताया कि स्टेम कोशिकाएं विभाजित होती हैं तब तक और अधिक स्टेम कोशिकाएं निर्मित करती हैं, जब तक कि वे विशेषज्ञता के लिए ट्रिगर नहीं हो जातीं। फिर जैसे-जैसे उनका विभाजित होना जारी रहता है, वे अधिक से अधिक विशिष्ट होती जाती है जब तक कि वे एक प्रकार की कोशिका के अलावा कुछ भी होने की क्षमता खो न दें।

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उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्किंसन रोग, डायबिटीज और रीढ़ की हड्डी की चोट जैसे विकारों से क्षतिग्रस्त या नष्ट हुई कोशिकाओं या टिशूज की मरम्मत या उन्हें बदलने के लिए स्टेम सेल का उपयोग किया जा सकेगा। कुछ जीन को ट्रिगर करके, हो सकता है कि शोधकर्ता स्टेम सेल को विशिष्ट बना दें और वे ऐसी कोशिकाएं बन सकती हैं जिन्हें बदलने की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि शोधकर्ता अब तक भ्रूण गर्भनाल रक्त बच्चों या वयस्कों का बोन मैरो से स्टेम सेल प्राप्त करने में सक्षम हैं। स्वनिर्मित प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल (वयस्कों में कुछ कोशिकाएँ जिन्हें स्टेम सेल की तरह कार्य करने के लिए बदला जा सकता है) ऐसे में इस बात को लेकर उत्सुकता बनती है की बहरेपन के इलाज में पीआरपी इंजेक्शन के बाद स्टेम सेल रोगियों के लिए एक वरदान साबित होने जा रहा है। वह स्टेम सेल से इलाज करने वाले गाजियाबाद जिले से पहले डॉक्टर होंगे।
डॉ बी पी त्यागी के साथ उनके जूनियर डॉक्टर अर्जुन भी साथ में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, ऐसी उम्मीद की जा सकती है डॉ बीपी त्यागी के सानिध्य में भारत में अब स्टेम सेल से इलाज करने वाले कुछ डॉक्टरों की सूची तैयार हो जाएगी। यह तकनीक कोचलीयर इंप्लांट जैसे महंगे आॅपरेशन से छोटे बधिर बच्चों व वयस्कों को बचाएगी जो की काफी महंगा भी है।

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