कर्मचारियों की मांग, कलेक्ट्रेट घोषित हो मिनी सचिवालय जानिए 22 सूत्रीय मांगों में और क्या उठाए मुददे

उत्तर प्रदेशीय मिनिस्ट्रीयल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अफसरों को ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में मुख्य रूप से 22 मांगे हैं। जिन पर जल्द से जल्द फैसला कहा गया है। कर्मचारी संघ के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर 22 अगस्त को कलेक्ट्रेट परिसर में कलेक्ट्रेट एवं तहसीलों में कार्यरत लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों की मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी सुल्तानपुर को दिया गया। कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष शशि भूषण तिवारी ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में धरने का नेतृत्व जिलाध्यक्ष ने किया और 22 सूत्रीय मांगों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने बताया कि कलेक्ट्रेट कार्यालय को विशेष प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए कार्मिकों को वेतन उंचीकृत करने, कलक्ट्रेट लिपिक संवर्ग सेवा नियमावली 2011 को लागू करना, लेखा कार्य संपादित करने वाले पटल सहायकों को लेखा संवर्ग का वेतनमान दिए जाने, नए जनपदों में वरीष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं नए तहसीलों में प्रशासनिक अधिकारियों का पद सृजित किए जाएं, भूलेख लिपिक का पद पूर्व की भांति कलेक्ट्रेट में वापस किये जाए। इसके अलावा कलेक्ट्रेट को मिनी सचिवालय घोषित किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं सामूहिक बीमे की धनराशि को 10 लाख रुपये किया जाना चाहिए। चिकित्सा प्रतिपूर्ति को आयकर की गणाना में शामिल नहीं करना चाहिए। शशि भूषण तिवारी ने कहा कि यदि 17 सितंबर तक मांगों को सम्मानजनक तरीके से निस्तारण नहीं होता है तो 18 सितंबर को गाँधी प्रतिमा है हजरतगंज लखनऊ में पूरे प्रदेश के कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे।

 

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