नोएडा मेट्रो में प्रमोशन नीति को लेकर कर्मचारियों में रोष, जल्द ही करेंगे पूर्ण बहिष्कार
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नोएडा मेट्रो में प्रमोशन नीति को लेकर कर्मचारियों में रोष, जल्द ही करेंगे पूर्ण बहिष्कार

Noida Metro Aqua Line: नोएडा मेट्रो एक्वा लाइन में प्रमोशन नीति को लेकर कर्मचारियों में रोष दिखने लगा है। नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी लोकेश एम से ज्यादातर कर्मचारी खफा हैं। काली पट्टी बांधकर वे काम कर रहे हैं। जय हिन्द जनाब को एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया किस तरह से उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रमोशन पॉलिसी में जिन लोगों ने 6ण्5 साल काम किया है। उसे केवल 4 साल ही गिना जा रहा है। बताया जा रहा है कि छह कर्मचारी अपनी बात रखने के लिए सीईओ लोकेश एम के पास प्राधिकरण कार्यालय गए थे, लेकिन सीईओ ने उनसे मुलाकात करना तो दूर उनकी सुनी तक नहीं। इन कर्मचारियों को कार्रवाई का सामना करना पड़ा।

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मिली जानकारी के अनुसार 21 मई 2024 को नोएडा मेट्रो पदोन्न्ति सह अवशोषण नीति को मानव संसाधन विभाग द्वारा सीईओ नोएडा प्राधिकरण और एनएमआरसी के एमडी लोकेश एम से अनुमोदन के बाद जारी किया गया। लेकिन मेट्रो के लगभग 487 कर्मचारी जिसमें ट्रेन ऑपरेटर, जूनियर इंजीनियर, टेकनीशियन, ग्राहक संबंध सहायक और कार्यालय सहायक शामिल हैं। इस नीति के खिलाफ़ एक जुट हो चुके है। क्योंकि यह मेट्रो के भविष्य के विकास के लिए बिलकुल सही नहीं है। कर्मचारियों का आरोप है कि मेट्रो के आंतरिक कर्मचारियों को कोई वित्तीय लाभ और समयबद्ध पदउन्नति भी नहीं दी गई। 28 जून को नोएडा मेट्रो संयुक्त कर्मचारी संघ के छह सदस्यीय कोर सदस्यों ने नीति की गंभीर चिंताओं का संबंध में एमडी से समय लिया, मिलने की कोशिश की गई, लेकिन ये छह कर्मचारी सस्पेंड कर दिए गए। 36 दिनों तक इन कर्मचारियों को निलंबित रखा गया। नौकरी से निकालने की धमकियाँ भी दी गई। जब पूर्व कार्यकारी निदेशक सतीश पाल ने मई 2024 में बिना आरोपपत्र के निलंबन वापस ले लिया तो कर्मचारियों में इस नीति के प्रति सामने आया कि कुछ पॉज़िटिव हो सकता है। उन्हें आश्वासन भी दिया। कार्यकारी निदेशक के वादे के बावजूद निलंबन तो वापस ले लिया गया मगर आरोपपत्र फिर भी दाखिल कर दिया गया। इस पदउन्नति नीति के मामले को लेकर मेट्रो कर्मचारी संघ चुप नहीं बैठेंगे। ये उन्होंने ऐलान कर दिया है जल्द ही पूर्ण 22 कार किया जाएगा। फिलहाल कार्यकारी निदेशक महेन्द्र प्रसाद को बनाया गया है। कार्मचारियों को उम्मीद है कि नए कार्यकारी निदेशक कुछ सकारात्मक फैला करा सकते है।

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