भावनात्मक और सामाजिक सहयोग से क्षय रोगियों का मनोबल बढ़ता है : सीएमओ
Ghaziabad news : स्वर्ण जयंती पुरम में राष्ट्रीय समाज एवं धर्मार्थ सेवा संस्थान के संचालक आयुर्वेदाचार्य डॉ. राहुल चतुर्वेदी वर्षों से क्षय रोगियों के संरक्षक की भूमिका में हैं। अब तक वह दो सौ क्षय रोगियों को गोद लेकर क्षय रोग से मुक्त करा चुके हैं। बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने 40 नए क्षय रोगियों को अपने परिवार का हिस्सा बनाया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ भावतोष शंखधर भी पहुंचे। डॉ चतुर्वेदी के आमंत्रण पर रेलवे बोर्ड की सदस्य अमृता चौहान अपने जन्मदिन के मौके पर क्षय रोगियों के बीच उपस्थित हुईं और पूरी आत्मीयता के साथ उनसे बातचीत की। सीएमओ डॉ भवतोष शंखधर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- संवेदनशीलता और जानकारी के अभाव में कुछ लोग क्षय रोगियों के साथ सौतेला व्यवहार करते हैं, ऐसे लोगों को एक बार डॉ राहुल चतुर्वेदी द्वारा क्षय रोगियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में आने की जरूरत है। किसी भी रोगी के साथ आत्मीयता से पेश आने पर रोगी को खुद-ब-खुद बूस्टर डोज मिल जाती है। क्षय रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम इसी मोटिवेशन के लिए चलाया जा रहा है और इसके सुखद परिणाम भी सामने आ रहे हैं। डा. राहुल चतुर्वेदी अब तक दो सौ क्षय रोगियों को गोद लेकर टीबी मुक्त करा चुके हैं। यह उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए पुष्टाहार से भी ज्यादा रोगियों को मिले स्नेह के कारण संभव हो सका है। क्षय रोगी बबीता (बदला हुआ नाम) ने कहा- ह्लमेरे परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार से मिलने वाली पोषण राशि के साथ अब हर माह पोषण मिलने लगेगा तो बड़ा सहारा लगेगा। आज के कार्यक्रम में आकर मुझे भी ठीक होने की उम्मीद जगी है।
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कार्यक्रम में पहुंचीं रेलवे बोर्ड सदस्य अमृत चौहान क्षय रोगियों से मिलकर काफी अभिभूत नजर आईं। उन्होंने कहा- पहली बार इस तरह के कार्यक्रम में रहने का मौका मिला। उन्होंने सीएमओ के समक्ष खुद भी क्षय रोगियों को गोद लेने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने क्षय रोगियों से कहा- टीबी फैलने वाली बीमारी है, इसलिए अपने परिजनों की दो-तीन माह में जांच अवश्य कराते रहें। रेल में टीबी के संबंध में जानकारी अंकित कराने के सीएमओ के प्रस्ताव को उन्होंने बोर्ड के समक्ष रखने का आश्वासन दिया। हर बार की तरह कार्यक्रम की शुरुआत डॉ राहुल चतुर्वेदी ने नए 40 क्षय रोगियों के साथ जलपान करके की। डा.चतुर्वेदी ने कहा – आप लोगों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है, और नियमित रूप से दवा खाते रहना आपका कर्तव्य है। उन्होंने क्षय रोगियों को पुष्टाहार प्रदान करते हुए कहा – यह पोषण उन्हें सांकेतिक तौर पर दिया जा रहा है ताकि उन्हें याद रहे कि नियमित रूप से दवा और उच्च पोषण युक्त भोजन लेना है। कार्यक्रम में एसटीएस रविंद्र कुमार और टीबीएचवी अर्चना चौहान भी मौजूद रहीं।
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