दिल्ली सरकार की मुश्किलें बढ़ रही हैं। शराब के बाद शिक्षा और अब बिजली सब्सिडी में चुके एलजी वीके सक्सेना ने अब बिजली सब्सिडी मामले में भी रिपोर्ट तलब कर ली है। दिल्ली के सीएम और एलजी आमने सामने आ चुके है। एलजी ने चीफ सेक्रेटरी को उन आरोपों की जांच करने को कहा है जिनके मुताबिक बिजली वितरण कंपनियों को आप सरकार की ओर से सब्सिडी राशि भगुतान में अनियमितता बरती गई है। एलजी ने 7 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
दिल्ली सरकार बिजली सब्सिडी पर बिजली देती है। 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाती है तो महीने में 201 से 400 यूनिट तक बिजली खपत पर 50 फीसदी सब्सिडी मिलती है। उपभोक्ताओं की बजाय सरकार बिजली कंपनियों को सरकारी खजाने से इस बिल का भुगतान करती है। एलजी कार्यालय के अधिकारियों से दी गई जानकारी के मुताबिक वरिष्ठ वकीलों, न्यायविद और कानूनी पेशेवरों ने बिजली कंपनियों को सब्सिडी भुगतान में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी।
शिकायत में आम आदमी पार्टी प्रवक्ता जैसमीन शाह और नवीन गुप्ता (आप सांसद एनडी गुप्ता के बेटे) का नाम भी शामिल है। एलजी दफ्तर की ओर से बताया गया है कि अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों बीएसईएस राजधानी पावर (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीआईपीएल) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में केजरीवाल सरकार ने नियुक्त किया। निजी वितरण कंपनियों में दिल्ली सरकार की 49 प्रतिशत हस्सेदारी है।