पनीर खाना पड़ सकता है मंहगा! मिलावट में दूध ही नही मसालें शामिल

Adulterated Milk and Paneer : नोएडा और ग्रेनो में बिक रहे खाद्य पदार्थों का हर दूसरा नमूना जांच में मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है। पिछले 8 माह की जांच में 53 प्रतिशत नमूने मानकों पर फेल हो गए। वही, 153 में से 30 प्रतिशत नमूने असुरक्षित मिले हैं। बाजार में सबसे अधिक पनीर में मिलावट आ रही है। जांच में सबसे ज्यादा पनीर के नमूने फेल हुए हैं। वहीं, दुकानों पर मिठाइयों और घी में भी मिलावट की जा रही हैं। ऐसे में जिले के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
खाद्य विभाग ने 1 अप्रैल से 30 नवंबर के बीच विभिन्न खाद्य पदार्थ की दुकान व भंडार का निरीक्षण किया। कुल 1608 निरीक्षण किए गए। इस दौरान विभिन्न खाद्य पदार्थों के 395 नमूने लिए गए। इनमें से अब तक 289 नमूनों की जांच रिपोर्ट आ चुकी हैं। 289 में से 94 नमूने मानकों पर फेल हो गए। उनको सबस्टैंडर्ड बताया गया। इनमें सबसे अधिक पनीर के 16 और मसालों के 15 नमूने शामिल हैं। जबकि 44 नमूनों को अनसेफ करार दिया गया। यहां पनीर के 18 और दूध से बनी मिठाइयों के 5 नमूने शामिल हैं। 11 नमूनों में पैकिंग सहीं नहीं मिली। उधर चार नमूनों में नियमों का उल्लंघन मिला है। कुल 289 नमूनों की रिपोर्ट में 153 मानकों पर फेल आए हैं। यानी हर दूसरा नमूना फेल हो रहा हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं।

दूध ही नही मसालों में भी मिली मिलावट
बात दें कि नोएडा, ग्रेनो, गाजियाबाद एवं पूरे एनसीआर में दूध से लेकर पनीर और मसालों में काफी मिलावट है। पनीर के 66 नमूनों की जांच में 42 की रिपोर्ट आ चुकी है। इनमें से 16 नमूने सबस्टैंडर्ड और 18 नमूने असुरक्षित मिले हैं। फैट की कमी के साथ पाॅम ऑयल व अन्य तेल का प्रयोग किया गया हैं। वहीं दूध में फैट की कमी आ रही है। दूध के 31 में से 13 नमूने मानकों पर खरे नहीं उतर सके। जबकि एक अनसेफ आया हैं। घी के 16 नमूनों में से 9 की रिपोर्ट आ चुकी है। इनमें से 5 अनसेफ आए हैं। घी खाने लायक भी नहीं था। दूध से बनी मिठाइयों के 20 में से 17 की रिपोर्ट आ चुकी हैं। इनमें 5 मानकों पर फेल और 5 अनसेफ निकले हैं।

केस के साथ साथ जुर्माने की कार्रवाई
सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय सर्वेश मिश्रा  ने कहा कि विभाग की और से टीम लगातार खाद्य पदार्थों की अलग अलग स्थानों पर जाकर जांच कर रही हैं। संदिग्ध होने पर खाद्य पदार्थों का नमूना लेकर जांच कराई जा रही हैं। जिन नमूनों की जांच मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं, उनके खिलाफ संबंधित कोर्ट में केस दर्ज कर जुर्माना लगवाने की कार्रवाई की जा रही है।

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