Earthquake in Afghanistan । अफगानिस्तान के पूर्वी क्षेत्र में संडे देर रात आए 6.0 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। स्थानीय अफसरोें के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 500 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं। भूकंप का केंद्र नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर से लगभग 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था और इसकी गहराई मात्र 8 से 10 किलोमीटर थी, जिसके कारण इसका प्रभाव और भी विनाशकारी रहा।
सबसे अधिक प्रभावित हुए नंगरहार और कुंअर प्रांत
भूकंप रविवार रात 11ः47 बजे (स्थानीय समय) आया और इसके बाद कई छोटे-छोटे झटके (आफ्टरशॉक्स) भी महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 4.3 से 5.2 के बीच थी। इन झटकों ने बचाव कार्यों को और जटिल बना दिया। नंगरहार और कुंअर प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हुए, जहां कई गांव पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गए। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमान ने बताया कि एक ही गांव में 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन दूरदराज के इलाकों से सटीक आंकड़े अभी तक प्राप्त नहीं हो सके हैं।
बचाव कार्यों में चुनौतियां
प्रभावित क्षेत्रों में भूस्खलन और खराब बुनियादी ढांचे के कारण बचाव कार्यों में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कुंअर प्रांत में कई सड़कें भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे बचाव दल केवल हेलीकॉप्टरों के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच पा रहे हैं। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबिहुल्लाह मुजाहिद ने अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों से तत्काल मदद की अपील की है।
क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और भूकंप का खतरा
अफगानिस्तान का हिंदू कुश इलाका भूकंपीय दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील है, क्योंकि यह भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव के क्षेत्र में स्थित है। इस क्षेत्र में पहले भी कई विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं। उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2023 में आए 6.3 तीव्रता के भूकंप में हजारों लोगों की जान गई थी।
राहत बचाव कार्य जारी
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक नंगरहार और कुंअर प्रांतों में सैकड़ों मकान ढह गए हैं, जो ज्यादातर मिट्टी और लकड़ी से बने थे। घायलों को जलालाबाद और कुंअर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां चिकित्सा संसाधनों की कमी के कारण स्थिति और गंभीर हो रही है। तालिबान सरकार ने स्थानीय अधिकारियों और स्वयंसेवकों के साथ मिलकर राहत कार्य शुरू किए हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण अंतरराष्ट्रीय सहायता की जरूरत है।
क्षेत्र में भूकंप का असर
भूकंप के झटके अफगानिस्तान की राजधानी काबुल, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और भारत के दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र तक महसूस किए गए। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (न्ैळै) के अनुसार, लगभग 4.5 लाख लोगों ने इस भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए, जिसके कारण कमजोर संरचनाओं को भारी नुकसान हुआ।
स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है, और कई लोग अपने घरों को छोड़कर खुले मैदानों में रात गुजार रहे हैं। तालिबान सरकार ने लोगों से सतर्क रहने और आफ्टरशॉक्स के खतरे को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
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