अफगानिस्तान में भूकंप: मजार-ए-शरीफ के पास 6.3 तीव्रता का जोरदार झटका से मस्जिद में दरार, 20 से अधिक की मौत, सैकड़ों घायल, ब्लू मस्जिद को भी नुक़सान

Earthquake in Afghanistan/Mazar-e-Sharif-Blue Mosque News: उत्तरी अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ शहर के निकट रविवार रात को 6.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसमें कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 500 से अधिक लोग घायल हो गए। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, यह भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 1 बजे के करीब 28 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिसका केंद्र मजार-ए-शरीफ से लगभग 20 मील दक्षिण-पूर्व में था। यह भूकंप हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के पास आया, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की टक्कर के कारण भूकंप आम हैं।

अफगान स्वास्थ्य मंत्रालय और आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि बल्ख और समंगान प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। बल्ख में कम से कम 6 मौतें और 70 से अधिक घायल हुए, जबकि समंगान में 5 मौतें और 143 घायल दर्ज किए गए। कुल घायलों की संख्या 320 से 640 के बीच बताई जा रही है, जिसमें 25 लोग गंभीर रूप से प्रभावित हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि कई ग्रामीण इलाकों में मलबे के नीचे लोग दबे होने की रिपोर्ट्स हैं। तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि सरकारी एजेंसियां राहत कार्य में जुटी हैं और हताहतों व आर्थिक नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

भूकंप के झटकों ने मजार-ए-शरीफ शहर के लगभग 5 लाख निवासियों को रातों की नींद उड़ा दी। कई लोग घरों से बाहर सड़कों पर भाग आए, क्योंकि पुरानी ईंट-पत्थर की इमारतें ढहने का डर था। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोग मलबे के ढेर में हाथ-पैर मारते दिखे, जहां परिवार के सदस्यों की तलाश की जा रही थी। भूकंप काबुल सहित अन्य प्रांतों में भी महसूस किया गया, और काबुल-मजार-ए-शरीफ राजमार्ग पर चट्टान गिरने से यातायात बाधित हो गया, हालांकि बाद में इसे बहाल कर लिया गया।

सबसे दर्दनाक नुकसान शहर की ऐतिहासिक 15वीं सदी की ब्लू मस्जिद (रौजा-ए-शरीफ) को हुआ, जो हजरत अली का मकबरा मानी जाती है। मस्जिद के मीनारों से टाइल्स गिर गईं और दीवारों में दरारें पड़ गईं, लेकिन मुख्य संरचना सुरक्षित बताई जा रही है। यह मस्जिद शिया मुसलमानों के लिए पवित्र स्थल है और यहां नववर्ष व अन्य धार्मिक उत्सवों में लाखों लोग इकट्ठा होते हैं।
बल्ख प्रांत के प्रवक्ता हाजी जायद ने एक्स पर वीडियो शेयर कर बताया कि मस्जिद को भारी नुकसान पहुंचा है।

राहत कार्य तेज
तालिबान सरकार, अफगान रेड क्रिसेंट और संयुक्त राष्ट्र की टीमें प्रभावित इलाकों में पहुंच गई हैं। अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है, लेकिन सर्दियों के नजदीक आने से चुनौतियां बढ़ रही हैं। सेव द चिल्ड्रन जैसे संगठनों ने चेतावनी दी है कि यह भूकंप अफगानिस्तान की मानवीय संकट को और गहरा देगा, जहां विदेशी सहायता में कमी के कारण बुनियादी ढांचा कमजोर है। भारत ने भी प्रभावित परिवारों के लिए राहत सामग्री भेजी है।

यह अफगानिस्तान का चौथा बड़ा भूकंप है तालिबान के सत्ता में आने (2021) के बाद। अगस्त में पूर्वी अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता के भूकंप ने 2,200 से अधिक लोगों की जान ले ली थी। यूएसजीएस ने ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जो महत्वपूर्ण हताहतों और क्षति की चेतावनी देता है। भूकंप के बादशॉक की आशंका बनी हुई है, और स्थानीय लोग खुले में रुकने को मजबूर हैं।

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