Ghaziabad news शहर में ई-रिक्शा संचालन को सुरक्षित, अनुशासित और पारदर्शी बनाने के लिए यातायात पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए ई-रिक्शा चालकों और स्वामियों को यूनिक क्यूआर कोड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि 31 दिसंबर के बाद बिना क्यूआर कोड ई-रिक्शा नहीं चल सकेंगे। उल्लंघन करने वालों पर एक जनवरी से कार्रवाई की जाएगी। डीसीपी ट्रैफिक त्रिगुण बिसेन ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य शहर की यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के साथ-साथ महिला सुरक्षा को और मजबूत करना है। प्रत्येक ई-रिक्शा को एक विशिष्ट क्यूआर कोड से जोड़ा जा रहा है, जिससे उसका अधिकृत पंजीकरण सुनिश्चित हो सके और अवैध अथवा अनधिकृत ई-रिक्शा के संचालन पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
क्यूआर कोड को स्कैन करते ही ई-रिक्शा चालक का नाम, फोटो, मोबाइल नंबर तथा वाहन से संबंधित पंजीकरण और परमिट की जानकारी उपलब्ध होगी। इससे यात्रियों को चालक की प्रामाणिक पहचान मिल सकेगी और किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत सत्यापन संभव होगा। पुलिस का मानना है कि इससे यात्रियों, विशेषकर महिलाओं में ई-रिक्शा यात्रा को लेकर भरोसा बढ़ेगा। महिला सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम पहल डीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि महिला सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह व्यवस्था बेहद अहम साबित होगी। क्यूआर कोड के माध्यम से चालक की पहचान सुनिश्चित होने से महिलाओं के साथ छेड़छाड़, दुर्व्यवहार अथवा अन्य आपराधिक घटनाओं की रोकथाम में मदद मिलेगी। किसी आपात स्थिति में ई-रिक्शा और चालक की त्वरित पहचान कर तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी, जिससे घटनाओं पर तेजी से कार्रवाई संभव होगी।
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