Dream Valley Project: इसलिए प्रोजेक्ट बंद करने का होगा विरोध
Dream Valley Project:सुप्रीम कोर्ट में अब आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई होन जा रही है। बायर्स ड्रीम वैली प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देंगे और कोर्ट से प्रोजेक्ट को सील नहीं करने देने की गुहार लगाएंगे। जिससे 10 वर्ष से अधिक समय से इंतजार कर रहे बायर्स को उनका सपनों का घर मिल सके। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट में एनबीसीसी के निर्माण कार्यों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की भी गुहार लगाएंगे।
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बता दें कि ग्रेनो वेस्ट में निर्माणाधीन आम्रपाली ड्रीम वैली प्रोजेक्ट में एक लिफ्ट गिर गई थी। हादसे में 8 मजदूरों की मौत हो चुकी है। घटना के बाद प्रशासन और प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट को सील करने का फैसला लिया है। प्रोजेक्ट का काम बंद करा दिया गया है। वहां से मजदूरों को बाहर निकाला जा रहा है। प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य बंद होने से खरीदार परेशान हैं। खरीदारों ने बताया कि प्रोजेक्ट में 9 हजार से अधिक खरीदार है। पहले चरण में करीब 1500 खरीदारों को दीवाली पर कब्जा देने की तैयारी चल रही थी। सभी खरीदार वर्ष 2013 के बाद से कब्जा मिलने का इंतजार कर रहे है। अब उनका सपना पूरा होने वाला है, लेकिन काम बंद होने से फिर देरी होगी। यही कारण है कि बायर्स इसका कोर्ट में विरोध करेंगे।
बायर्स ने बताया कि पुलिस और प्रशासन हादसे के आरोपियों पर कार्रवाई करें, लेकिन निर्माण कार्य को बंद नहीं करना चाहिए। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस बात को रखा जाएगा। कोर्ट से निर्माण कार्य शुरू कराने की गुहार लगाई जाएगी। साथ ही एनबीसीसी के निर्माण कार्यों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की भी मांग की जाएगी। उनका कहना है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता सहीं नहीं लग रही है। ऐसे में जांच होनी जरूरी है।
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वहीं, जिला प्रशासन ने ड्रीम वैली प्रोजेक्ट में लिफ्ट हादसे में मरने वाले सभी आठ मजदूरों के परिजनों के बैंक खातों की जानकारी एनबीसीसी को भेज दी है। अफसरों ने बताया कि हादसे में मरने वाले आठों मजदूरों के परिजनों के बैंक खातों की जानकारी जुटाकर सत्यापन भी करा लिया गया है। एनबीसीसी को बैंक खातों की जानकारी दे दी गई है। एनबीसीसी मृतक के परिजनों को 20-20 लाख और कोर्ट रिसीवर 5-5 लाख रुपये देंगे।