noida news कैलाश अस्पताल के सभागार में शनिवार को डॉक्टर सतीश मैथ्यू ने पत्रकारों को बताया कि अस्पताल में एक मरीज आया, जिसकी आवाज नहीं निकल पा रही थी, और उसकी जान को खतरा था, जांच में मरीज के मुख्य महाधमनी में संतरे के आकार का फोड़ा की जानकारी मिली, जिसे फटने से मरीज की जान जा सकती थी। उनकी टीम ने 15 घंटे के सफल आॅपरेशन के बाद उक्त फोड़े को बाहर निकाल कर उसकी जान बचाई।
डॉक्टर ने बताया कि हृदय शल्य चिकित्सा की टीम ने मरीज की जान को खतरे को देखते हुए तीन चरणों में सर्जरी की, प्रथम चरण में दो बाईपास ग्राफ्ट से हृदय की रक्त वाहिनियों को बाईपास किया गया। इसके बाद दूसरे चरण में महाधमनी से अन्य मुख्य रक्त कोनियो जो मस्तिष्क में हाथों में रक्त पहुंचते हैं। को ग्राफ्ट लगाकर बाईपास किया गया। तृतीय चरण में मरीज को लैब में ले जाकर मुख्य माहधवनी में एक इंडोग्राफट लगाया जिससे वह फोड़े के आकार का एंट्री पॉइंट एन्यूरिसम सील कर दिया।
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उन्होंने बताया इस जटिल आॅपरेशन में 15 घंटे का समय लगा तथा मरीज बिशन सिंह बिष्ट 7 दिन डॉक्टर एवं स्टाफ की निगरानी में आईसीयू में रहे इसके बाद अब वह ठीक है, और उन्हें छुट्टी दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि आॅपरेशन में उनके साथ डॉक्टर सौरभ राय, डॉक्टर तोसिफ अख्तर, डॉक्टर रितेश अरोड़ा आदि की टीम रही।
उन्होंने कहा कि वह कैलाश अस्पताल में ही 5000 से अधिक हृदय से जुड़ी सर्जरी कर चुके हैं, यह सबसे जटिल सर्जरी थी।
इस अवसर पर डॉ नरेंद्र गुप्ता, वरिष्ठ प्रबंधक वीबी जोशी आदि आदि मौजूद रहे।
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