लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पर दोहरी मार, निकलेगा दिवाला

लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को अस्तित्व का संकट खड़ा हो रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण आयकर विभाग से कांग्रेस को उसकी कुल संपत्ति (लगभग 1,430 करोड़ रुपये) की तुलना में लगभग दोगुनी धनराशि बतौर कर बकाए के तौर पर भुगतान करने को कह सकता है। कांग्रेस ने शुक्रवार को बताया कि उसे 5 वित्त वर्ष (असेसमेंट ईयर या मूल्यांकन वर्ष) के लिए 1,823 करोड़ रुपये के आयकर मांग का नोटिस दिया गया है। पार्टी को अभी तीन और मूल्यांकन वर्षों के लिए नोटिस भेजा जाना है। ऐसे में कांग्रेस प्रचार करेगी या फिर नोटिस का जवाब भेजेगी। ये सवाल जनमानस के मन में उमड़ रहा है।

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सूत्र बताते है कि 31 मार्च से पहले शेष मांग नोटिस की तामील के बाद कांग्रेस से वसूली जाने वाली कुल राशि 2,500 करोड़ रुपये को पार कर सकती है। यह कांग्रेस के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है, क्योंकि पार्टी की कुल संपत्ति लगभग 1,430 करोड़ रुपये है, जबकि बकाए टैक्स की देनदारी 2500 करोड़ रुपये है। आकलन वर्ष 2023-24 के लिए अपने कंरट आईटी रिटर्न में कांग्रेस ने कहा था कि उसके पास लगभग 657 करोड़ रुपये का कोष, 340 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति और 388 करोड़ रुपये की नकदी और नकद समकक्ष है- कुल मिलाकर लगभग 1,430 करोड़ रुपये।

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कांग्रेस कैसे चुकाएगी बाकाया
बता दें कि कांग्रेस दिवालिया होने के बाद भी 2,500 करोड़ रुपये की इतनी रकम नहीं चुका पाएगी, क्योंकि यह रकम उसकी कुल नेटवर्थ से कहीं ज्यादा है। आईटी विभाग वसूली पर रोक लगाने के लिए मांगी गई राशि का 20 प्रतिशत भुगतान करने का विकल्प देता है। कांग्रेस पार्टी को 7 साल के रिटर्न के पुनर्मूल्यांकन के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है। इस सप्ताह की शुरुआत में उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गईं। सूत्रों ने बताया कि यही कारण है कि कांग्रेस ने पिछले हफ्ते सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की क्योंकि उन्हें इन सात वर्षों के लिए भारी मांग नोटिस की आशंका थी।

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