Ghaziabad news : नगर निगम के कराए गए ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) सर्वे के आधार पर हाउस टैक्स लगाने और नोटिस भेजने का मामला फिर विवादों में फंसता दिख रहा है। महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि जीआईएस सर्वे के आधार पर जारी किए जा रहे हाउस टैक्स के नोटिस से शहरवासी घबराए नहीं।
महापौर का कहना है कि शहर में कुछ समय पहले छूटे हुए भवनों पर हाउस टैक्स लगाने के लिए सर्वे कराया गया था। इसका नगर निगम सदन की बैठक में सर्वे का पार्षदों ने विरोध किया था। महापौर सुनीता दयाल ने सोमवार को निगम मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा को बुलाकर सख्त निर्देश दिए कि जीआईएस सर्वे पर आधारित नोटिस शहरवासियों को न भेजे जाए। महापौर ने मुख्य कर अधिकारी के साथ नोटिस से लोगों को हो रही परेशानी के समाधान के लिए वार्ता की।
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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नगर निगम गृह कर नियमावली-2000 के तहत नए भवनों का सेल्फ असेसमेंट लोग स्वयं करेंगे। इसमें मकान का कवर्ड एरिया, खुला एरिया, भवन की लंबाई-चौड़ाई, कच्चा, पक्का, आवासीय व अनावसीय व अन्य ब्योरा दिया जाएगा। भवन स्वामी के स्वयं के सत्यापन के बाद ही हाउस टैक्स लगाया जाएगा।नियमावली के अनुसार सेल्फ असेसमेंट में गलत सूचना देने पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। सभी जोनल कार्यालयों में हाउस टैक्स, म्यूटेशन, हाउस टैक्स रिवाइज की जानकारी के लिए बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। ताकि भवन स्वामी को कोई परेशानी न हो सकें। महापौर ने कहा कि शहरवासी जल्द से जल्द अपने छूटे भवनों पर हाउस टैक्स निर्धारित कराए ताकि इसमें कोई गड़बड़ी न हो।उन्होंने कहा कि हाउस टैक्स अधिकतर आॅनलाइन ही जमा कराए। आॅनलाइन हाउस टैक्स का पैसा जमा कराने पर भवन स्वामी को इसके लिए आसानी होगी।
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