सात चरणों में हुए लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए और एक बार फिर से तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने शपथ ले ली। इंडिया गठबंधन खेमे में केवल इसी बात की खुशी रही कि भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। भाजपा जीत कर भी हरी सी लगने लगी। क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों हुआ? दरअसल जिस वक्त चुनाव चल रहा था उस दौरान जनता चाहती थी की असली मुद्दों पर बातचीत हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैलियो में मुददों को एड्रेस करें। मगर ऐसा नहीं हो पाया। द क्विंट में रिपोर्ट छापी है जिसमे पूरी पड़ताल करने के बाद दावा किया गया है कि भाजपा करीब 20 सीटें वो हारी है जहाँ पर पीएम मोदी ने सीधे मुसलमानों पर हमला किया। ये हमला जुबानी ही बैसक था लेकिन आमजन के मन और दिलो दिमाग में साम्प्रदायिक जहर घोलने का काम करता है। लेकिन जनता ने मन बनाया कि हिंदू मुसलमानों के चक्कर में नहीं फंसना है। आप सोच रहे होंगे की प्रधानमंत्री तो बहुत सकारात्मक बोल रहे थे। टेलीविजन पर भी अच्छे अच्छे इंटरव्यू दे रहे थे।
बता रहे थे कि आम कैसे खाते हैं और इतना दिन रात काम कैसे कर लेते हैं। विदेश नीती पर भी उन्होंने भारत का डंका बजते हुए चैनलो पर बता दिया। इतना सब होने के बाद भी उन्हें अपनी रैलियो में मुसलमानों को टारगेट करना पड़ा। ये बताता है कि पीएम के आस अपनी उपलब्ध्यिां गिनाने को नही थी। ऐसे भाषणों की शुरुआत हुई राजस्थान के बांसवाड़ा से जहाँ उन्होंने रैली में कह दिया कि ये जीते तो आपकी माँ बहनों की मंगलसूत्र लेकर मुसलमानों में बांट देंगे, एक तरह से पीएम एंटी मुस्लिम नैरेटिव क्रिएट कर रहे थे, क्या आप जानते है कहाँ कहाँ पीएम ने मुसलमानों पर सीधे जुबानी अटैक किया। इलाहाबाद, बाराबंकी, दुमका, पाटिलपुत्र, बरासत ये वो सब सीटें हैं जहाँ प्रधानमंत्री घुसपैठिए से शुरुआत करते थे और जिनके ज्यादा बच्चे पैदा होते,वोट जिहाद करने वाले,खास जमात और ना जाने क्या क्या बोल देते थे। लेकिन ऐसा नहीं है कि पूरे चुनाव में उन्होंने सीधे मुसलमानों को ही टारगेट ही किया हो।
यह भी पढ़ें: बियर की बोतल खोल स्टंट करने वालो के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई सुन रह जाएंगे दग
इस सबके बीच टाइम्स नाउ न्यूज़ चैनल पर उन्होंने मुसलमानों से अपील भी की थी कि वे किसी को हराने और जिताने के चक्कर में न पड़ें। बल्कि अपने बच्चों का भविष्य देखें हमारी सरकार स्कीमों में हिंदू मुसलमान नहीं देखती। ये भी कहा कि आप भाजपा कार्यालय जाईए बैठिए मैं देखता हूँ कौन आपको भगाता है। चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने कुल 164 रैलियां की जहाँ भाजपा एनडीए करीब 50ः सीटें हार गया। यानी 164 में 77 सीटें हारी गई है।