लोकसभा चुनाव से पहले लखनऊ के तीन दिवसीय प्रवास पर आरएसएस (RSS) चीफ मोहन भागवत है। अब आरएसएस अपनी नीति बदलने जा रहा है। चुनाव के लिए कैसे और क्या किया जाए इस पर बैठक हुई। इसमें में तय हुआ है कि आरएसएस कार्यकर्ता अब मस्जिदों ,गुरुद्वारा और चर्च में लोगों से संपर्क करेंगे। दलित और गैर हिंदुओं के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ज्यादा काम करने को कहा है। निराला नगर के सरस्वती शिशु मंदिर में बैठक चल रही है। लोकसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में संघ प्रमुख यूपी में नई आरएसएस की शाखाओं के विस्तार के साथ लोगों को जोड़ने में लगे हैं। शनिवार यानी प्रवास के दूसरे दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अवध प्रांत के पदाधिकारियों और प्रचारकों के साथ बैठक की। साल 2025 संघ का शताब्दी वर्ष है। तब तक भारत के हर गांव में संघ की शाखा खड़ी करने का लक्ष्य है। शताब्दी वर्ष को लेकर संघ की योजना पर मंथन किया। संघ प्रमुख ने शताब्दी वर्ष में हर गांव में संघ की शाखा और मिलन कार्यक्रम को लेकर योजना तैयार करने के निर्देश दिए। लखनऊ में भागवत की मौजूदगी में हुई बैठक में 26 जिलों की कार्यकारिणी शामिल हुई।
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मोहन भागवत के इस दौरे को दलितों तक अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसलॉ आरएसएस अब दलितों तक अपनी पहुंच बढ़ाने की तैयारी में है। दलित बस्तियों में शाखाएं लगाने जैसे उनकी समस्याओं को सुनने और उनका निस्तारण करने के लिए कैंप लगाने की भी योजना तैयार की जा रही है। जिससे कि दलित और आदिवासी बस्तियों में RSS का प्रचार-प्रसार किया जा सके। यह भी योजना बनाई जा रही है कि जो अब तक अछूते हैं जिन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली हैं। उन तक मूलभूत सुविधाएं भी पहुंचाई जाएं।
विस्तार के मुद्दे पर चर्चा
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अवध में संघ के विस्तार के साथ ही शताब्दी दिवस की तैयारी को लेकर चर्चाएं की गई। इसके साथ ही अवध प्रांत के पदाधिकारियों के साथ राष्ट्रवाद के मुद्दों को धार देने और हिंदुत्व के मुद्दे पर मंथन कर चल रहा है।