आज विशेष में राज्यसभा चुनाव की बात। चुनाव से पहले क्या बना रही है खिचड़ी और किस दल के कितने विधायक टूट कर जाएंगे इधर-उधर भाजपा। दूसरे दलों को कितना पहुंचाएगी नुकसान। भाजपा उम्मीदवार हर्ष वर्धन और कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को बराबरी के वोट मिलने पर आज भी चिंता की बात है।
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अब बताते हैं कि राज्यसभा चुनाव में क्या हुआ। हिमाचल में कुल 68 विधायकों ने मतदान किया 40 कांग्रेस के पास से यानी कांग्रेस के पास 34 विधायक रह गए। ऐसे में बीजेपी के पास निर्दलीय विधायक मिलकर 28 विधायक की क्रॉस वोटिंग के बाद दोनों के पास 34-34 का आंकड़ा आकर खड़ा हो गया। अब पर्ची डालने के बाद भाजपा उम्मीदवार हर्षवर्धन की जीत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में भी क्रॉस वोटिंग जमकर हुई अखिलेश यादव अपने विधायकों को लेकर अस्वसत थे कि वह कहीं नहीं जाएंगे लेकिन सपा के कई विधायक टूट कर भाजपा की ओर चले गए। राजा भैया ने अहम रोल निभाया। अब अखिलेश कहते हैं कि हमारे विधायकों को पैकेज मिला है हो सकता है कि आधा पैकेज मिला हो। हंसते हुए वह कई बहने और बचकर निकलने की कोशिश करते रहे क्योंकि अखिलेश यादव खुद अपने विधायकों को नहीं संभाल पाए।
कैसे लगता है राज्यसभा पहुंचने का गणित
राज्यसभा के लिए चुनाव में सभी राज्यों की विधानसभाओं के विधायक हिस्सा लेते हैं इसमें विधान परिषद के सदस्य वोट नहीं डालते। राज्य में जितनी भी सीटें खाली होती है उसमें एक जोड़ा जाता है फिर उसे कुल विधानसभा सीटों की संख्या से डिवाइड किया जाता है। जो संख्या आती है उसमें फिर एक जोड़ दिया जाता है। अब बताते है कि उदाहरण के तौर पर। यूपी में 10 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी थी। इसमें एक जोड़ा तो 11 और वैसे तो यूपी विधानसभा की 403 सीटे हैं लेकिन मौजूदा समय में चार सीटें खाली है इसलिए 399 विधायक है। 399 को 11 से डिवाइड किया गया तो संख्या आई 36.02 यानी 36 माना जाएगा। इसमें एक जोड़ दिया जाता है। यानी राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 37 विधायकों के वोट की जरूरत है।