डीएम बोले, नोएडा यूपी का शो विंडो, उद्यमियों की समस्याओं का अफसर करें तत्काल निस्तारण

Noida News: जिले में औद्योगिक विकास को और गति प्रदान करने एवं उद्योग बंधुओं व व्यापार बंधुओं के सामने आने वाली समस्याओं का तत्काल प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से डीएम मनीष कुमार वर्मा ने शिल्प हाट के सभागार में जिला उद्योग बंधु एवं जिला व्यापार बंधु समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान कर रहे थे।
डीएम ने कहा कि जनपद गौतम बुद्ध नगर उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहा जाने वाला जनपद है और जनपद के औद्योगिक विकास में उद्यमियों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए अधिकारियों को दायित्व और अधिक बढ़ जाता है कि उद्यमी प्रतिनिधियों के द्वारा उद्योग से जुड़ी हुई जो समस्या बैठक में रखी गई हैं संबंधित विभाग के अधिकारी अभियान चलाकर प्राथमिकता के आधार पर उनका निराकरण करने की कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे एवं प्रदेश सरकार के द्वारा जनपद के औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से उद्यमियों के लिए संचालित सभी योजनाओं का लाभ मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप उद्यम बंधु तक प्रमुखता के साथ पहुंचाए जाने की कार्रवाई भी संबंधित विभाग के अधिकारियों के द्वारा सुनिश्चित की जाए।

जिले के अधिकारियों को निर्देश
जिला उद्योग बंधु समिति की बैठक के उपरांत जिलाधिकारी ने व्यापार बंधु की बैठक की अध्यक्षता करते हुये उनकी समस्याओं का अनुश्रवण करते हुए संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अधिकारियों का दायित्व बनता है कि व्यापारी बंधुओं के सम्मुख जो समस्याएं आ रही हैं उनका बहुत ही गंभीरता के साथ अनुश्रवण करते हुए समस्याओं का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। बैठक में उपायुक्त उद्योग अनिल कुमार, अपर श्रम आयुक्त, सहायक निदेशक कारखाना, पुलिस व प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी गण, श्रम विभाग के प्रवर्तन अधिकारी, अन्य संबंधित विभागीय अधिकारियों के अलावा उद्यमी एवं श्रम संगठन के प्रतिनिधियों एवं व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के द्वारा भाग लिया गया।
प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिक वर्ग की उपेक्षा का मुद्दा भी उठा
वहीं इस बैठक में श्रमिकों से संबंधित समस्याओं को उठाया गया। मजदूर संगठन सीटू गौतम बुध नगर के जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि सरकार की निश्चित रूप से कुछ उपलब्धियां हो सकती हैं। लेकिन योगी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में श्रमिकों की घोर उपेक्षा की गई है, और श्रमिक उत्पीड़न व उनकी परेशानियों और बड़ी है, वर्ष 2014 के बाद से प्रदेश सरकार ने मजदूरों के वेतन का पुनरीक्षण नहीं किया है, जबकि कई राज्यों में वेतन बढ़ोतरी की गई है, दिल्ली के मजदूरों का आज न्यूनतम वेतन 19000 के आसपास है। वही दिल्ली से सटे नोएडा उत्तर प्रदेश के मजदूरों का न्यूनतम वेतन मात्र 10700 रुपए है ,क्या इतने कम वेतन में एक मजदूर अपनी जीविका चला सकता है, उन्होंने मांग करते हुए कहा कि न्यूनतम वेतन कम से कम 26000 प्रदेश सरकार घोषित करें। साथ ही उन्होंने श्रम कार्यालय व श्रम न्यायालय के कार्यालय में पर्याप्त स्थान का ना होने, अधिकारी व स्टाफ की कमी के कारण श्रमिकों और उद्योगपतियों को हो रही परेशानी को रेखांकित करते हुए उन्होंने मांग किया कि श्रम विभाग और श्रम न्यायालय के कार्यालय का स्थाई निर्माण किया जाए साथ ही कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जाए।

 

यह भी पढ़ें: UP News: यूपी सरकार के 08 वर्ष पूरे होने पर पडरौना नगरपालिका की अनूठी पहल

यहां से शेयर करें