Ghaziabad news कमिश्नरेट पुलिस ने वर्ष 2023 से 2025 तक के अपराधों का तुलनात्मक आंकड़ा मंगलवार को जारी किया, पुलिस के आंकड़े में अधिकांश गंभीर अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है। पुलिस की कड़ी निगरानी, तकनीकी संसाधनों का उपयोग और त्वरित अभियोग निस्तारण ने शहर में अपराध नियंत्रण को मजबूत आधार दिया है।
पुलिस की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार हत्या के मामलों में वर्ष 2023 और 2024 की तुलना में 2025 में कमी आई है। वहीं लूट, गृहभेदन और वाहन चोरी जैसे अपराधों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। लूट 2023 में 77, 2024 में 84, जबकि 2025 में मात्र 33 मामले,गृहभेदन: 2023 में 266, 2024 में 265, जबकि 2025 में 166 मामले,वाहन/अन्य चोरी 2023 में 4177, 2024 में 4354, जबकि 2025 में 3124 मामले
हालांकि धारा 307 (जानलेवा हमला) और बलवा जैसे अपराधों में कुछ वृद्धि दर्ज की गई।
कमिश्नरेट गाजियाबाद की रिपोर्ट के अनुसार महिला सुरक्षा के क्षेत्र में पिछले तीन वर्षों में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। 2023 में कुल 1318 मामले,2024 में 1111 मामले, 2025 में सिर्फ 794 मामले हुए। पुलिस के अनुसार, 20 पिंक बूथों की सक्रियता महिला अपराधों में आई भारी कमी का प्रमुख कारण है। पिंक बूथों पर अब तक 14,210 प्रार्थना पत्र निस्तारित किए गए, जिनमें से 9,924 मामलों में मध्यस्थता कर परिवार टूटने से बचाया गया।
97 फीसदी मामलों का दो माह में निस्तारण
महिला एवं बच्चों से जुड़े मामलों की विवेचना को नियमानुसार दो माह में पूरा किया जाना आवश्यक है। 2023 में 65 फीसद , 2024 में 92 फीसद , 2025 में यह प्रतिशत 97 फीसद तक पहुंच गया। गाजियाबाद पुलिस ने इसे 100 फीसद करने का लक्ष्य तय किया है।
पासपोर्ट सत्यापन में पुलिस रही दक्ष
पिछले तीन वर्षों में पासपोर्ट सत्यापन के निस्तारित आवेदनों की संख्या भी स्थिर बनी रही। 2023 में 81,957 एवं 2024 में 80,274 और 2025 में 79,547 पासपोर्ट सत्यापन किए गए।
साइबर ठगी के करोड़ों की राशि पीड़ितों के खाते में कराई वापस
जिले में साइबर अपराधों के दर्ज मामलों में लगातार कमी आई है। 2023 में 1076 पीड़त के 2024 में 1035 के और 2025 में 836 पीड़ितों व्यक्तियों के पैसे वापस कराए गए।
साइबर क्राइम थाने की स्थापना के बाद पीड़ितों को 2023 में 1.67 करोड़, 2024 में 25.89 करोड़ और 2025 में 10.27 करोड़ की धनराशि वापस दिलाई गई।
कमिश्नरेट की रिपोर्ट यह दर्शाती है कि पुलिसिंग में तकनीकी हस्तक्षेप, त्वरित कार्रवाई और जन-सहभागिता के मॉडल ने न सिर्फ अपराधों में कमी आई है बल्कि महिला सुरक्षा और साइबर अपराध नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।\


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