District Hospital: नोएडा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पहले एंटी रेबीज सीरम सेंटर का शुभारंभ किया गया। अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. रेनू अग्रवाल ने फीता काटकर सेंटर का उद्घाटन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया, जिनके प्रयासों से यह सुविधा संभव हो सकी।
अब मरीजों को दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा
सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार सेंटर पर 100 शीशियों की पहली खेप भेजी गई है। इससे कुत्ते या अन्य जानवरों के काटने से संक्रमित मरीजों को दिल्ली रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उन्हें स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिल सकेगा।
एंटी रेबीज सीरम सेंटर एक ऐसी चिकित्सा सुविधा है जहां कुत्ते, बंदर, बिल्ली या अन्य संक्रमित जानवरों के काटने के बाद मरीजों को रेबीज संक्रमण से बचाने के लिए एंटी रेबीज सीरम (Anti-Rabies Serum – ARS) और एंटी रेबीज वैक्सीन (ARV) दी जाती है।
एंटी रेबीज सीरम (ARS) क्या है?
🔹 यह एक इम्यूनोग्लोबुलिन (Antibody) आधारित इंजेक्शन है, जो रेबीज वायरस को निष्क्रिय करने का काम करता है।
🔹 यह उन मरीजों को लगाया जाता है, जिन्हें गहरे और गंभीर घाव हुए हों या जिनका संक्रमित जानवरों से संपर्क हुआ हो।
🔹 यह तुरंत काम करता है और जब तक एंटी रेबीज वैक्सीन शरीर में प्रभावी होती है, तब तक मरीज को संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
एंटी रेबीज सीरम सेंटर क्यों जरूरी है?
- रेबीज एक घातक बीमारी है, जो एक बार लक्षण दिखाने के बाद लगभग 100% जानलेवा होती है।
- समय पर ARS और ARV न मिलने पर संक्रमण मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर हमला कर सकता है।
- पहले मरीजों को दिल्ली या अन्य बड़े अस्पतालों में रेफर करना पड़ता था, लेकिन अब स्थानीय स्तर पर यह सुविधा मिलने से समय की बचत होगी और मरीजों को तुरंत इलाज मिल सकेगा।
- इमरजेंसी में 24 घंटे उपलब्ध रहने वाली यह सुविधा रेबीज के मामलों में जीवन रक्षक साबित हो सकती है।
इलाज की प्रक्रिया
- अगर किसी जानवर ने काट लिया है, तो तुरंत प्रभावित स्थान को 10-15 मिनट तक साबुन और साफ पानी से धोएं।
- जितनी जल्दी हो सके, अस्पताल जाकर एंटी रेबीज सीरम (ARS) और एंटी रेबीज वैक्सीन (ARV) लगवाएं।
- गंभीर घाव होने पर ARS इंजेक्शन घाव के आसपास लगाया जाता है, जिससे वायरस को शरीर में फैलने से रोका जा सके।
- इसके साथ 0, 3, 7, 14 और 28वें दिन एंटी रेबीज वैक्सीन (ARV) की पूरी डोज ली जाती है।
पहला मरीज, पहली राहत
सेंटर पर इलाज पाने वाले पहले मरीज को हेल्थ सुपरवाइजर उषा चौधरी ने एंटी रेबीज सीरम का इंजेक्शन लगाया। मरीज ने बताया कि ड्यूटी से घर लौटते समय तीन-चार कुत्तों ने अचानक हमला कर दिया था, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। पहले डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया था, लेकिन अब इस सेंटर के शुरू होने से उन्हें स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिल सका।
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24 घंटे उपलब्ध रहेगी सुविधा
जिला अस्पताल के इस सीरम सेंटर पर मरीजों को सुबह से शाम तक उपचार मिलेगा, जबकि आपातकालीन स्थिति में यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।
मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
इस सेंटर के शुरू होने से नोएडा और आसपास के जिलों के मरीजों को एंटी रेबीज सीरम की सुविधा जल्दी और आसानी से मिल सकेगी। इससे इमरजेंसी के दौरान समय की बचत होगी और मरीजों को बेहतर इलाज मिल पाएगा।