Disaster in Uttarakhand : देहरादून। उत्तराखंड में बारिश ने पहाड़ से मैदान तक भारी तबाही मचाई है। बीते दो दिनों से राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और भारी वर्षा से बड़े पैमाने पर नुकसान की खबरें हैं, वहीं मैदानी जिलों में नदी-नालों के उफान से आपदा जैसे हालात बन गए हैं।
Disaster in Uttarakhand :
मौसम विभाग ने मंगलवार को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। देहरादून, नैनीताल, पौड़ी और चंपावत जिलों में भी कहीं-कहीं गरज के साथ तीव्र वर्षा की चेतावनी दी गई है। गुरुवार से बारिश में कुछ कमी आने की संभावना जताई जा रही है।
राजधानी में दिन में राहत, शाम को जलभराव
मंगलवार को देहरादून में सुबह से रिमझिम बारिश होती रही, हालांकि दिन में कुछ राहत मिली। लेकिन शाम होते ही एक बार फिर तेज बारिश ने शहर के कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया। चौक-चौराहों और निचले इलाकों में जलभराव से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
उत्तरकाशी के धराली में मची तबाही
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में भारी बारिश से आपदा जैसे हालात पैदा हो गए हैं। हालांकि वहां पर मौसम विभाग के उपकरण नहीं लगे हैं, इसलिए वर्षा की सटीक मात्रा दर्ज नहीं हो पाई है। पास के भटवाड़ी और हर्षिल केंद्रों पर 24 घंटे में 100 मिमी से कम वर्षा दर्ज की गई है। विशेषज्ञों की टीम जल्द ही मौके पर जाकर स्थिति की जांच करेगी, लेकिन फिलहाल इसे अतिवृष्टि जनित आपदा माना जा रहा है।
हरिद्वार में टूटा बारिश का रिकॉर्ड
हरिद्वार में सोमवार शाम से बुधवार सुबह तक लगातार बारिश होती रही। इस दौरान 305 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो प्रदेश में सर्वाधिक रही। देहरादून में भी बीते 24 घंटे में 132 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि राज्य के कई क्षेत्रों में मौसम बेहद सक्रिय बना हुआ है। खासतौर पर पहाड़ी जिलों में अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और सतर्क रहें।
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