डायबिटीज मरीजों को Septicemia का खतरा, ऐसे करें बचाव!
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डायबिटीज मरीजों को Septicemia का खतरा, ऐसे करें बचाव!

डायबिटीज पेशेंट की वीक इम्यूनिटी के चलते इन्हें कोई भी बीमारी आसानी से घेर सकती है. इस स्थिती में इन मरीजों को सेप्टीसीमिया नामक इंफेक्शन का खतरा रहता है.

शरीर में किसी भी तरह इंफेक्शन अच्छा नही होता है. विशेषज्ञों की मानें तोइंफेक्शन से हमारा इम्यून सिस्टम भी प्रभावित होता है. यहां हम इंफेक्शन की बात कर रहे हैं, तो आपना सेप्टीसीमिया का नाम को जरूर सुना होगा, जिसे सेप्सिस भी कहा जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये इंफेक्शन हमारी किडनी या लिवर को अचानक खराब कर सकता है. वहीं, जिन लोगों का डायबिटीज है- उन्हें इस इंफेक्शन से बचने की सलाह दी जाती है. ये इंफेक्शन होने पर इसका इलाज भी आसान नहीं है. इसलिए सेप्टीसीमिया का अंदेशा होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह करें.

जानलेवा भी हो सकता है Septicemia

गौर हो कि डायबिटीज के मरीजों को कई तरह का परहेज करने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज पेशेंट को कोई भी बीमारी आसानी से घेर सकती है. इस स्थिती में इन मरीजों को सेप्टीसीमिया नामक इंफेक्शन का खतरा रहता है. जानकारी दे दें कि ये एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो अधिकतर डायबिटीज के मरीजों को अपना शिकार बनाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्लड शुगर के मरीजों के लिए यह इंफेक्शन जानलेवा साबित हो सकता है.

वीक इम्यूनिटी वाले लोगों को ज्यादा खतरा
सेप्टीसीमिया इंफेक्शन का खतरा सबसे ज्यादातर उन लोगों को होता है, जिनकी इम्यूनिटी वीक होती है. बता दें कि डायबिटीज के मरीजों के मरीजों का इम्यूनिटी लेवल कम हो जाता है. ऐसे में इन लोगों को बेहद ख्याल रखने की जरूरत होती है. सिर्फ डायबिटीज ही नहीं बल्कि अपेंडिक्स कैंसर, भ्प्ट और निमोनिया के मरीजों को भी यह सेप्टीसीमिबुया इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है. इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को भी खासतौर पर सावधानी बरतनी चाहिए.

इस तरह पहचानें Septicemia इंफेक्शन

  • दिल की धड़कन कम या ज्यादा होना
  • मतली और उल्टी आना
  • दस्त लगना
  • थकान या कमजोरी महसूस होना
  • शरीर पर रैशेज हो जाना

खतरनाक है Septicemia
सेप्टीसीमिया खून में बड़े पैमाने पर एक खास तरह के केमिकल को रिलीज करता है. यह केमिकल हमारी बॉडी में सूजन बढ़ाने का काम करता है, जिससे मल्टी ऑर्गन फैलियर का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए उपरोक्त किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

( इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जय हिन्द जनाब इनकी पुष्टि नहीं करता है. किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें.)

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