Development Authority:ग्रेटर नोएडा। यूपी के शो विंडो गौतमबुद्धनगर के तीनों औद्योगिक विकास प्राधिकरण एक ही नीति पर काम करेंगे। भूमि आवंटन, लीजरेंट, पात्रता और बिल्डिंग बायलॉज में भी बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी है। इसके लिए शासन स्तर से सार्क एंड एसोसिएट्स को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) तैयार करने के लिए तीनों प्राधिकरणों के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारियों की भी एक आंतरिक समिति बनाई गई है। हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में 104 पेज की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। इस रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए अब कवायद शुरू कर दी गई है।
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दरअसल, नोएडा, ग्रेनो और यमुना सिटी के विकास को एकसमान गति देने के लिए शासन स्तर से गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों की एक जैसी नीतियां बनाने की तैयारी है। इसके तहत भूमि आवंटन से लेकर किसी भी भवन के निर्माण तक के नियम नए सिरे से तैयार किए जा रहे हैं। अभी तीनों प्राधिकरणों में भूमि आवंटन की नीति अलग-अलग है। यहां ग्रुप हाउसिंग से लेकर व्यावसायिक और औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया में ई-नीलामी, साक्षात्कार और अन्य माध्यमों को शामिल किया गया है।
साथ ही, आवंटित भूखंडों के लिए अलग- अलग समय में भुगतान की भी व्यवस्था है। इसके अलावा नोएडा में किसानों को 15 मीटर ऊंचाई तक भवन बनाने की मंजूरी है, जबकि ग्रेटर नोएडा में 11 मीटर तक ही है। एविएशन एरिया होने से यह नियम यमुना प्राधिकरण में अलग है। बता दें कि एक पालिसी के तहत हाल ही में यमुना प्राधिकरण, नोएडा और ग्रेनो प्राधिकरण ने फ्लैट बुकिंग के समय रजिस्टर्ड एग्रीमेंट को अनिवार्य किया है।
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