Devakinandan Thakur’s Bhagwat Katha: राजस्थान की राजधानी जयपुर में प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज की सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा चल रही है। यह कथा मानसरोवर स्थित वीटी रोड मेला ग्राउंड में 15 दिसंबर से 21 दिसंबर तक आयोजित की जा रही है। कथा स्थल पर बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां लगे ‘नो तिलक-नो एंट्री’ के पोस्टर चर्चा का विषय बने हुए हैं।
कथा स्थल के गेटों पर जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें स्पष्ट लिखा है कि बिना तिलक लगाए प्रवेश नहीं मिलेगा। जो भक्त बिना तिलक के आते हैं, उन्हें गेट पर ही तिलक लगाने की व्यवस्था की गई है। इस नियम को लागू करने का उद्देश्य सनातन धर्म की आस्था को मजबूत करना और कथा पंडाल में सुरक्षा सुनिश्चित करना बताया जा रहा है।
देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने खुद इस नियम की व्याख्या करते हुए कहा कि यह विश्व की पहली ऐसी कथा है जहां ‘नो तिलक-नो एंट्री’ का नियम लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि तिलक लगाने से आज्ञा चक्र सक्रिय होता है, जिससे व्यक्ति विवेकवान बनता है। साथ ही, उन्होंने सुरक्षा के दृष्टिकोण से कहा कि कई बार कथा या डांडिया जैसे सामूहिक आयोजनों में कुछ लोग गलत इरादे से आते हैं, खासकर बहन-बेटियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। ठाकुर जी ने जोर देकर कहा कि सनातन धर्म में आस्था रखने वाले ही तिलक लगाकर प्रवेश करेंगे, और यह नियम भाईचारे को बढ़ावा देने के साथ-साथ अनुचित तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए है।
इस नियम को लेकर सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर व्यापक चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे सनातन संस्कृति की रक्षा का सकारात्मक कदम बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे विवादास्पद मान रहे हैं। पुलिस ने कथा स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
कथा के दौरान ठाकुर जी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की भी प्रशंसा की और गिरिराज महाराज की कृपा से उन्हें मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद मिलने की बात कही। रोजाना हजारों भक्त कथा सुनने पहुंच रहे हैं और पंडाल भक्ति मय वातावरण से गूंज रहा है।
यह आयोजन सनातन धर्म प्रेमियों के लिए आध्यात्मिक उत्सव बन गया है, जहां भक्ति और संस्कारों पर जोर दिया जा रहा है।

