Jakarta/Indonesia Food Poisoning: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने सोमवार को अपनी महत्वाकांक्षी मुफ्त भोजन योजना का जोरदार बचाव किया, जिसमें करीब 6,000 बच्चों को फूड पॉइजनिंग का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों का प्रतिशत बहुत कम है और योजना अभी अपनी जड़ें जमाने की प्रक्रिया में है। यह बयान ऐसे समय आया है जब गैर-सरकारी संगठनों ने योजना को अस्थायी रूप से रोकने की मांग की है।
प्रबोवो की यह योजना, जिसे ‘मुक्त पौष्टिक भोजन’ (एमबीजी) कहा जाता है, जनवरी 2025 में शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य 80 मिलियन से अधिक स्कूली बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराना है, ताकि कुपोषण और स्टंटिंग (बौनापन) की समस्या का समाधान हो सके। प्रबोवो ने चुनावी अभियान के दौरान इसे अपनी प्रमुख नीति के रूप में पेश किया था, दावा करते हुए कि इससे बच्चों की सेहत सुधरेगी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। 2029 तक इस योजना पर 28 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान है।
राष्ट्रीय पोषण एजेंसी (बीजीएन) के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2025 तक 70 से अधिक फूड सेफ्टी घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 5,914 बच्चे प्रभावित हुए। हाल के आंकड़ों के मुताबिक, कुल प्रभावित बच्चों की संख्या 6,452 तक पहुंच चुकी है, जो 16 प्रांतों में फैली हुई हैं। पश्चिम जावा के बांदुंग क्षेत्र में पिछले सप्ताह 1,000 से अधिक बच्चे बीमार पड़े, जो अब तक का सबसे बड़ा प्रकोप था।
राष्ट्रपति प्रबोवो ने कहा, “यह योजना अभी नई है और छोटी-मोटी समस्याएं आना स्वाभाविक है। प्रभावित प्रतिशत इतना कम है कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन हम इसे सुधारेंगे।” उन्होंने रविवार को एक सीमित कैबिनेट बैठक में पोषण एजेंसी को विस्तृत तकनीकी निर्देश जारी किए, जिसमें निगरानी मजबूत करने और रसोई की जांच पर जोर दिया गया। समन्वय मंत्री जुल्किफली हसन ने कहा, “यह सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ी की सुरक्षा का सवाल है।”
हालांकि, स्वास्थ्य केंद्रित एनजीओ ने योजना पर सवाल उठाए हैं। सिविल सोसाइटी फॉर फूड एंड न्यूट्रिशन (सीएसएफएन) के समन्वयक उबैद मत्राजी ने कहा, “राष्ट्रपति प्रबोवो से अपील है कि योजना को अस्थायी रूप से रोकें और गहन जांच कराएं।” एनजीओ ने आरोप लगाया कि रसोई में पर्यवेक्षण की कमी और असंगत खाना पकाने की प्रक्रिया के कारण ये मामले बढ़े हैं।
सरकार ने स्वीकार किया है कि तेजी से विस्तार (20 मिलियन से अधिक लाभार्थी) के कारण निगरानी में चूक हुई। स्वास्थ्य मंत्री बूदी गुणादी सदिकिन और अन्य अधिकारियों ने जांच शुरू की है, जिसमें पुलिस और फूड रेगुलेटर शामिल हैं। प्रबोवो ने कहा कि वह योजना को जारी रखेंगे, लेकिन सुधार सुनिश्चित करेंगे।
यह विवाद प्रबोवो सरकार के लिए चुनौती बन गया है, जो गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित है। विपक्ष और प्रदर्शनकारियों ने पहले ही बजट कटौती पर सवाल उठाए हैं, लेकिन प्रबोवो की लोकप्रियता अभी भी 80% से ऊपर बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सुरक्षा मुद्दे हल नहीं हुए, तो यह योजना राजनीतिक जोखिम पैदा कर सकती है।
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