Deputy CM Sisodia: मोहल्ला क्लीनिक को ठप करने की साजिश
Deputy CM Sisodia: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि एमसीडी चुनाव से पहले साजिश के तहत स्वास्थ्य और वित्त विभाग के अधिकारियों ने मोहल्ला क्लीनिक की व्यवस्था को ठप किया है। एलजी उन अधिकारियों को तत्काल निलंबित करें और एफआईआर दर्ज कराएं। अन्यथा यह साबित हो जाएगा कि चुनावी फायदे के लिए एलजी ने सर्विसेज की शक्तियों का दुरुपयोग कर दिल्ली के लोगों के साथ गलत किया है।
सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा है कि दिल्ली में एमसीडी चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की जनता को परेशान करने का एक गहरा षडयंत्र रचा गया। आप जानते हैं कि दिल्ली सरकार की तरफ से बनाई गई मोहल्ला क्लीनिक में हर महीने करीब 15 लाख लोग अपना इलाज कराने आते हैं। मोहल्ला क्लीनिक में एमबीबीएस डॉक्टर्स लोगों का इलाज करते हैं। उनके टेस्ट और दवाइयां मुफ्त दी जाती हैं।
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Deputy CM Sisodia:मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली के कोने-कोने में बने हैं। इसलिए लोग अपने आसपास के मोहल्ला क्लीनिक में बहुत आसानी से पहुंच जाते हैं। एमसीडी चुनाव से ठीक पहले मोहल्ला क्लीनिक की इस पूरी व्यवस्था को ठप करने की साजिश रची गई।
दिल्ली सरकार में बैठे कुछ अफसरों ने जानबूझकर फाइलों को कुछ इस तरह से घुमाया कि एमसीडी चुनाव से ठीक दो महीने पहले यानी अक्टूबर और नवंबर में मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर्स की सैलरी नहीं दी गई। मोहल्ला क्लीनिक में होने वाले सभी टेस्ट रोक दिए गए, ताकि अगर सैलरी न मिलने के कारण डॉक्टर्स मोहल्ला क्लीनिक में न आएं और लोगों का इलाज भी करना चाहें तो बीमारी के इलाज के लिए जरूरी टेस्ट न हो पाए। इतना ही नहीं मोहल्ला क्लीनिक के बिजली बिल भी रोक दिए गए और जो मोहल्ला क्लिनिक किराए के भवनों में चल रही हैं उनका किराया भी नहीं जमा होने दिया गया। यह सब इसलिए किया गया ताकि जनता परेशान हो और हमारी सरकार से नाराज हो।
सैलरी न मिलने से डॉक्टर्स परेशान हो और वह भी सरकार से नाराज हो और जनता को नाराज करें। स्वास्थ्य विभाग और वित्त विभाग के अधिकारी लगातार कोई न कोई बहाना बनाकर फाइलें इधर से उधर घुमाते रहे।
सात साल से चल रही मोहल्ला क्लीनिक की व्यवस्था
सिसोदिया ने कहा कि मैंने जब अधिकारियों से इस बारे में बात की तो आधिकारिक रूप से तो वह कुछ-कुछ तकनीकी वजह बताते रहे, लेकिन दबी जबान में बताते रहे हैं कि एलजी की तरफ से सख्त निर्देश था कि एमसीडी चुनाव के पहले पेमेंट नहीं हो नहीं तो सस्पेंड कर दिये जाओगे। चूंकि ‘सर्विसेज’ आपके पास है, इसलिए सभी अफसर आप से डरते हैं। मोहल्ला क्लीनिक की व्यवस्था दिल्ली में सात साल से शानदार तरीके से चल रही है। कभी इस तरह की दिक्कत सामने नहीं आई।
हमेशा इसी व्यवस्था के तहत डॉक्टर्स को सैलरी मिलती रही है। आम जनता के टेस्ट होते रहे हैं। इसमें दिलचस्प बात यह भी है कि चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद दिसंबर में सारी आॅब्जेक्शन अचानक दूर हो गई और सभी पेमेंट कर दी गई ऐसा कैसे हो गया ? इसी से साफ हो जाता है कि चुनाव से ठीक दो महीने पहले मोहल्ला क्लिनिक से संबंधित सैलरी और अन्य पेमेंट रोक कर रखना एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा था।
चुनाव से ठीक पहले रच रहे थे षड्यंत्र
इस पूरी साजिश के पीछे जिम्मेदार अधिकारियों को चिन्हित कर उन्हें तुरंत सस्पेंड किया जाए। अगर आप उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करते हैं तो लोग कहेंगे कि अधिकारी आप के इशारे पर ही चुनाव से ठीक पहले यह षड्यंत्र रच रहे थे।
षड्यंत्र को छुपाने के लिए और अपनी जवाबदेही से बचने के लिए अधिकारी कोई न कोई कहानी जरूर सुनाएंगे, लेकिन उनसे जरूर पूछा जाना चाहिए कि सात साल से जिस व्यवस्था के तहत मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर्स की सैलरी मिलती रही और जिस व्यवस्था के तहत आम जनता के टेस्ट होते रहे, चुनाव से ठीक दो महीने पहले फाइलों को घुमाने के लिए इस पर तरह-तरह के बहाने क्यों लगाए गए?
अगर किसी अधिकारी की नजर में कुछ सवाल थे भी तो भी लोगों का इलाज कैसे रोका जा सकता है ? डॉक्टर्स की सैलरी कैसे रोकी जा सकती है।