Delhi जंतर-मंतर बना राजनीति का अखाड़ा, पहलवानों का स्पोर्ट
दिल्ली का जंतर-मंतर आजकल काफी चर्चाओं में है। पहले भी यहां अंादोलन होते आए है लेकिन इस बार यह राजनीति का अखाड़ा बन गया है। आज पहलवानों का धरना सातवें दिन भी जारी है। लेकिन काग्रेस और आम आदमी पार्टी भी इस दगल में कूद गए है। पहलवान रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग और कार्रवाई को अड़े है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहलवानों से मिलीं। शाम 4 बजे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहुंचे और पहलवानों को अपना समर्थन दिया।
जंतर-मंतर पहुंचे केजरीवाल ने कहा- ये जगह बहुत पवित्र है। 2011 में हमने यहीं से आंदोलन शुरू किया और देश की राजनीति बदल दी। ये पहलवान यहीं से देश की खेल व्यवस्था बदल देंगे। मेरी अपील है कि जिन लोगों को देश से प्यार है वे छुट्टी लेकर पहलवानों का साथ देने यहां आएं। केंद्र सरकार से भी अपील है कि वे यहां का बिजली-पानी बंद न करें।
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दूसरी और सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा कि मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। अपराधी बनकर इस्तीफा नहीं दूंगा। खिलाड़ियों का धरना-प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है। इसमें नेता और बड़े व्यापारी शामिल हैं। केजरीवाल ने कहा कि एक हफ्ते से देश के पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि भजपा के बाहुबली नेता ने बेटियों से दुर्व्यवहार किया। किसी भी बहन-बेटी के साथ गलत काम करने वाले को तुरंत फांसी पर लटका देना चाहिए। मगर बड़े दुख की बात है कि जिन बेटियों ने देश का नाम रोशन किया है, उन्हें न्याय की लड़ाई लड़नी पड़ रही है।
सुबह प्रियंका गांधी करीब एक घंटे धरनास्थल पर रहीं। उन्होंने 50 मिनट तक विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से बात की। बातचीत में विनेश और साक्षी भावुक हो गईं तो प्रियंका ने विनेश के सिर पर हाथ रखकर दिलासा दिलाया।