Delhi News : केंद्रीय मंत्री ने किया ”जम्मू-कश्मीर : मेरा आहत स्वर्ग” पुस्तक का विमोचन
Delhi News : जम्मू-कश्मीर पर केंद्रित पुस्तक ”जम्मू-कश्मीर : मेरा आहत स्वर्ग” का विमोचन मंगलवार देर शाम आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने किया। राजधानी दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सभागार में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह एवं पुस्तक परिचर्चा में पुस्तक के लेखक जवाहर कौल, सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रमोद कोहली, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के अध्यक्ष रामबहादुर राय एवं केंद्रीय विश्व विद्यालय (हरियाणा) की प्रति कुलपति प्रो. सुषमा यादव और जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक आशुतोष भटनागर सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
Delhi News :
पुस्तक परिचर्चा में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर लम्बे समय से एक ऐसा नेरेटिव सेट करने की आवश्यकता महसूस हो रही थी, जो गैर राजनीतिक हो और जो तथ्यों एवं तर्कों पर आधारित होI इस सम्बन्ध में यह पुस्तक एक नई दिशा देती है। ”Jammu and Kashmir: My Hurt Paradise”:
परिचर्चा में जम्मू-कश्मीर पर अपने विचार रखते हुए सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रमोद कोहली ने कहा कि कश्मीर समस्या पैदा करने में शेख अब्दुल्ला की अपनी भूमिका रही। कश्मीर का निजाम, हुक्मरान और कश्मीरी जनता वर्षों तक देश की जनता और केंद्र सरकार को डराते रहे। कश्मीर को इन सभी ने मिलकर छुई-मुई जैसा बना दिया। इसका परिणाम भ्रष्टाचार, कुशासन, आतंकवाद सहित अन्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के रूप में सभी ने देखा। स्थिति लगातार गंभीर होती गई लेकिन उच्चतम न्यायालय भी मूक दर्शक बना रहा लेकिन अब स्थितियों में हो रहे बदलाव से कश्मीर के हालात बदल रहे हैं। धारा-370 और 35 ए की समाप्ति के बाद लग रहा है कि कश्मीर पुनः स्वर्ग जैसी स्थितियों को जल्द प्राप्त करेगा।
परिचर्चा में पुस्तक के लेखक जवाहर कौल ने कहा कि यह पुस्तक दो खानदानों के राजनीतिक खेल का किस्सा नहीं है। मेरा आहत स्वर्ग, उसकी पीड़ा, उसके घावों और तनावों की व्यथा की ओर पाठक का ध्यान आकर्षित करती है, जो इसके यौवन, इसकी संस्कृति और भाषा को ही क्षतिग्रस्त कर रहे हैंI
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने भी परिचर्चा में पुस्तक से जुड़े कई प्रसंगों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि ”जम्मू-कश्मीर : मेरा आहत स्वर्ग” पुस्तक नई पीढ़ी के लिए है क्योंकि भाषा सरल है। कश्मीर के इतिहास बताने की शैली ऐसी है, जैसे किसी उपन्यास को पढ़ा जा रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पुस्तक में खिलाफत आंदोलन के बारे में जो जानकारी है, वह नई पीढ़ी को भी पता चलना चाहिए। सम्पूर्ण पुस्तक समाज को एक सन्देश भी देती है।
पुस्तक की प्रशंसा करते हुए हरियाणा केंद्रीय विश्व विद्यालय की प्रति कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विषय में नया इतिहास बनाना कठिन है लेकिन यह कार्य पुस्तक के माध्यम से हुआ है। कश्मीर के यथार्थ को पुस्तक सामने रखती है।
यह भी पढ़ें:- Delhi News:पर्यावरण मंत्री ने आरआरटीएस प्रोजेक्ट का किया निरीक्षण
Delhi News :