Delhi News: नई दिल्ली। ‘आसियान-इंडिया आर्टिस्ट्स कैम्प’ के तीसरे संस्करण का आगाज हो गया है। विदेश मंत्रालय और ‘सहर’ के सहयोग से आयोजित इस कैम्प में एक-दूसरे की कलाओं, रंगों और संस्कृतियों को करीब से जानने और साझा करने के लिए आसियान देशों, तिमोर लेस्ते और भारत के 21 कलाकार एकसाथ जुटे हैं। दिल्ली के लोधी होटल में आयोजित उद्घाटन समारोह में 21वें आसियान-इंडिया समिट की उस प्रतिबद्धता को भी दोहराया गया, जो इस रणनीतिक साझेदारी में रचनात्मक और मानवीय रिश्तों को और गहरा करने की बात करती है। अब ये सभी कलाकार 07 अप्रैल तक शिलॉन्ग में एक साथ अपनी-अपनी रचनात्मकता को साझा करेंगे और ऐसी मौलिक कृतियों की रचना करेंगे, जो उनकी विविध सांस्कृतिक विरासतों को समेटे होंगी।
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कैम्प के संरक्षक और मार्गदर्शक हैं – समिन्द्रनाथ मजूमदार, तन्मय सामंता और योगेंद्र त्रिपाठी जैसे प्रतिष्ठित चित्रकार, जो इन उभरते और स्थापित कलाकारों के साथ मिलकर एक वैश्विक कला संवाद रचने जा रहे हैं। इस मौके पर सहर के संस्थापक-निदेशक संजीव भार्गव ने बताया कि कलाकार सिर्फ चित्र नहीं बना रहे हैं, वे एक-दूसरे की दुनिया को भी जान रहे हैं। ये ऐसा जादू है जो अजनबियों को कुछ दिनों में दोस्त बना देता है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह कैम्प कुछ असाधारण सृजन लेकर आएगा।”
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इस कैम्प का समापन शिलॉन्ग में होगा, लेकिन यहां तैयार हुई कृतियां केवल वहीं नहीं रुकेंगी। नई दिल्ली में एक प्रदर्शनी के बाद फिर मलेशिया (जो 2025 में आसियान का चेयर है) में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों के ज़रिए यह कला सफर दुनिया के कोनों तक पहुंचेगा। आज दिल्ली इस शुरुआत की गवाह बनी, जहां कला के माध्यम से संवाद, सहयोग और सांस्कृतिक एकता की दिशा में एक नया अध्याय शुरू हुआ है।
‘आसियान-इंडिया आर्टिस्ट्स कैम्प’ में भाग लेने वाले कलाकारों में सिंगापुर से चोंग ऐचेजर (एक्रेलिक एंड गोल्ड लीफ ऑफ कैनवास), तिमोर लेस्ते से एबिलियो दा कॉन्सेइकाओ सिल्वा (मल्टीडिसिप्लिनरी आर्टिस्ट), थाइलैण्ड से पनिच फुप्रतान (रियलिस्टिक पेंटिंग एंड इम्प्रेशनिज्म), लाओस से फोनसिथ यर्नसेनसुली (एक्रिलिक ऑन कैनवास), मलेशिया से मोहाना कुमारा वेलू (सर्रियलिस्टिक एंड नैरेटिव), फिलिपींस से लू लिम (स्कल्पचरल आर्टिस्ट), म्यांमार से न्वी नी सोए (ट्रैडिशनल म्यांमार पेंटिंग टेक्निक्स), कंबोडिया से रोज नोराक (मल्टीडिसिप्लिनरी आर्टिस्ट स्पेशलाइजिंग इन स्कल्पचर, पेंटिंग एंड क्रिएटिव ग्राफिक डिजाइन), ब्रूनेई से राशिदाह बिन्ती एच जे युसूफ (डिटेल्ड आर्किटेक्चरल ड्रॉइंग्स), इंडोनेशिया से विन्सेंट एल्बर्ट समोएल (इंटरडिसिप्लिनरी आर्टिस्ट), वियतनाम से सुआन तिन्ह वु (प्रिंटमेकिंग आर्टिस्ट) शामिल हैं। भारत से भी कई जाने-माने कलाकार भाग ले रहे हैं जिनमें मृदुला कुनाथाराजू (मल्टी-डिसिप्लिनरी आर्टिस्ट), मौशुमी बिस्वास (रियलिस्टिक फिगरेटिव पेंटिंग्स), जापानी श्याम धुर्वे (गोंद आर्टिस्ट), काज़ी नासिर (रियलिस्टिक कंटेम्परेरी नैचर एंड वाइल्डलाइफ पेंटिंग्स), प्रकाश जोशी (फाड आर्टिस्ट), आयुष (वॉश पेंटिंग विशेषज्ञ), विनय कुमार (चेरियाल आर्टिस्ट), बप्पा चित्रकार (काली घाट आर्टिस्ट), चंदन बेज़बरुआह (पोस्टमॉडर्निज़्म इन लैण्डस्केप) और राफेल वार्जरी (एक्रेलिक पेंटिंग) शामिल हैं।
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