- 10 सालों में 76,000 से ज्यादा अनधिकृत निर्माण चिन्हित
- 2015 से 2025 तक 76,465 को नोटिस
- 35,842 मामलों में तोड़फोड़, 11,903 संपत्तियां सील
- 683 संपत्तियां कन्वर्जन शुल्क के बाद डी-सील
Delhi News: नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम ने पिछले दस वर्षों में राजधानी में 76,465 अनधिकृत निमार्णों की पहचान कर संबंधित संपत्तियों को नोटिस जारी किए हैं। निगम के भवन विभाग द्वारा इन निमार्णों पर कार्रवाई की गई, जिनमें से कई पर अब ध्वस्तीकरण और तोड़फोड़ की तलवार लटक रही है। दिल्ली विधानसभा की 26 मार्च 2025 को हुई बैठक में तिलक नगर के विधायक जरनेल सिंह द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब में दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने ये आंकड़े साझा किए। रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से 17 मार्च 2025 तक नगर निगम ने 35,842 संपत्तियों और सार्वजनिक स्थलों पर अवैध निर्माण और कब्जे के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई की है। इसके अतिरिक्त, भवन निर्माण नियमों के उल्लंघन पर 11,903 संपत्तियों को सील किया गया।
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आंकड़ों ने चौंकाया
सीलिंग की सबसे अधिक कार्रवाई दक्षिण जोन (3113), मध्य जोन (1744), और करोल बाग जोन (1649) में हुई। वहीं, कुल 683 संपत्तियों को कन्वर्जन शुल्क जमा करने के बाद डी-सील किया गया, जिसमें सबसे अधिक पश्चिम जोन (313) और करोल बाग जोन (112) शामिल हैं।
मध्य जोन में सबसे ज्यादा कार्रवाई
जोनों के हिसाब से अनधिकृत निर्माण की बात करें तो सबसे अधिक मध्य जोन (11,931), दक्षिण जोन (10,009), और पश्चिम जोन (10,122) में पाए गए। वहीं, नरेला जोन में सबसे कम 1,922 अनधिकृत निर्माण दर्ज किए गए। तोड़फोड़ की कार्रवाई में भी मध्य जोन सबसे आगे रहा, जहां 5,142 मामलों में कार्रवाई की गई। इसके बाद सिटी सदर पहाड़गंज जोन (4,341) और दक्षिण जोन (3,746) रहे। इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली में अनधिकृत निर्माण एक बड़ी समस्या है, जिस पर नगर निगम लगातार कार्रवाई कर रहा है। लेकिन जिस रफ्तार से निर्माण हो रहे हैं, उससे ये सवाल उठता है कि क्या यह कार्रवाई पर्याप्त है या महज एक औपचारिकता?