Delhi News: नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आर्किटेक्चर एवं एकिस्टिक्स संकाय की पूर्व छात्रा जेहरा महदी को 1 सितंबर, 2024 से 31 मई, 2025 तक की अवधि के लिए यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया एजूकेशनल फाउंडेशन द्वारा फुलब्राइट-नेहरू डॉक्टरल रिसर्च फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। फेलोशिप अवधि के दौरान वह अपना शोध कार्य रटगर्स, स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूजर्सी, यूएसए में करेंगी।
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जेहरा ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आर्किटेक्चर एवं एकिस्टिक्स संकाय से आर्किटेक्चर में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। वह वर्तमान समय में पश्चिम बंगाल के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के आर्किटेक्चर एवं क्षेत्रीय नियोजन विभाग में पीएचडी की उम्मीदवार हैं। इससे पूर्व उन्होंने पश्चिम बंगाल के आईआईटी खड़गपुर से सिटी प्लानिंग में मास्टर्स की डिग्री भी पूरी की है।
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वर्तमान समय में वह आईआईटी में सीनियर रिसर्च फेलो हैं और उनका डॉक्टरल शोध अनौपचारिक बस्तियों में पड़ोस के बदलाव पर केंद्रित है, जो मुख्यतः मुस्लिम बहुल हैं और जो समीपवर्ती संस्थानों की उपस्थिति से प्रभावित हैं। आंतरिक विविधता की जांच करने के लिए जेहरा मौखिक शोध परंपराओं सहित दृश्य भूगोल का उपयोग करती हैं और विशेष रूप से निर्मित पर्यावरण के माध्यम से तथा निवासियों की धारणाओं एवं अनुभवों को ग्रहण करती हैं। रटगर्स में अपने प्रवास के दौरान वह बुनियादी ढांचे के प्रावधान, अनौपचारिक संस्थानों एवं अनौपचारिक बस्तियों में वैधता की गतिशीलता की पड़ताल करेंगी।
यह अहम बात है कि ज़ेहरा महदी इस वर्ष फुलब्राइट-नेहरू फेलोशिप के लिए चयनित 24 भारतीय शोधार्थियों में से एक हैं, जो अमेरिका में विभिन्न विषयों का प्रतिनिधित्व करेंगे। वह ग़िज़ल महदी और रज़िया ज़ैदी की सबसे बड़ी बेटी हैं तथा ज़ैनब एवं अमान महदी की बहन हैं। उनका परिवार उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक कस्बे नहटौर से संबंध रखता है।
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