Delhi News: नयी दिल्ली: बीमा कंपनी ICICI लोम्बार्ड का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही का कर-पश्चात लाभ सालाना आधार पर 28.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7.47 अरब रुपये रहा। पिछले वर्ष इसी तिमाही का शुद्ध लाभ 5.80 अरब रुपये था। कंपनी के सोमवार को जारी तिमाही वित्तीय नतीजों के अनुसार अप्रैल-जून 2025-26 की तिमाही में कंपनी की सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम आय (जीडीपीआई) 77.35 अरब रुपये रही । वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में सकल प्रीमियम आय 76.88 अरब रुपये थी। यह सालाना आधार पर प्रीमियम आय में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। पूरे बीमा उद्योग की प्रीमियम आय वृद्धि इस दौरान 8.8 प्रतिशत रही है।
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कंपनी ने कहा है कि लेखा मानक 1/एन के प्रभाव को छोड़कर देखें तो उसकी जीडीपीआई इस बार पहली तिमाही में 4.8 प्रतिशत बढ़ी, जबकि पूरे उद्योग की वृद्धि दर 12.8 प्रतिशत रही। 1/एन लेखा मानक में बीमा कंपनियां को एक अवधि में हुई सकल प्रीमियम आय को एक से अधिक अवधियों के लिए दर्शाने की छूट होती है। विज्ञप्ति के अनुसार आईसीआईसीआई लोम्बार्ड का पहली तिमाही में संयुक्त अनुपात 102.9 प्रतिशत रहा, जबकि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में यह 102.3 प्रतिशत था। संयुक्त अनुपात बीमा कारोबार में हानि और बीमा पालिसी जारी करने के खर्च और प्रीमियम आय का अनुपात है। इसका सौ प्रतिशत से ज्यादा होना घाटे का संकेतक होता है।
कंपनी को कर-पूर्व लाभ (पीबीटी) वित्त वर्ष पहली तिमाही में 28.4 बढ़कर 9.94 अरब रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में पीबीटी 7.74 अरब रुपये था। कंपनी को पहली छमाही में 3.80 अरब रुपये का पूंजी गत लाभ हुआ जबकि पिछले वर्ष इसी दौरान पूंजीगत लाभ 2.84 अरब रूपये था। पहली तिमाही में कंपनी का औसत इक्विटी पर प्रतिफल पहली तिमाही में (आरओईए) में 20.5 प्रतिशत रहा, जबकि एक वर्ष पहले यह 19.1 प्रतिशत था। कंपनी ने कहा है कि 30 जून, 2025 को उसका सॉल्वेंसी अनुपात 2.70 गुणा था, जो 31 मार्च, 2025 को 2.69 दो गुणा था। बीमा विनियामक की शर्तों के अनुसार बीमा कंपनियों के पास अनुमानित देयताओं के कम से कम 1.50 गुना के बराबर अपनी पूंजी होनी चाहिए।

