Delhi News: आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि “हम सिर्फ़ सत्ता के लिए नहीं आए हैं बल्कि बदलाव के लिए आए हैं और हमें खुशी है कि देश की सबसे बड़ी पार्टी को भी आज शिक्षा, स्वास्थ्य पर बात करनी पड़ रही है।”
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श्री सिसोदिया ने बुधवार को पार्टी के देश भर के कार्यकर्ताओं के साथ ऑनलाइन संवाद कर उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने सभी लोगों से पार्टी की भविष्य की रणनीतियों की जानकारी साझा की और उनके सुझाव भी लिए। उन्होंने कहा , “एक तरफ़ हमारा लक्ष्य है सरकार बनाकर व्यवस्था ठीक करना लेकिन हम सिर्फ़ सत्ता के लिए नहीं आए हैं, बल्कि बदलाव के लिए आए हैं और हमें खुशी है कि देश की सबसे बड़ी पार्टी को भी आज शिक्षा – स्वास्थ्य पर बात करनी पड़ रही है। यह बदलाव की शुरुआत है। हमारी लड़ाई सत्ता पाने के लिए नहीं है, बल्कि दूसरी पार्टियों की सोच और उनकी प्राथमिकताओं को बदलना भी हमारे आंदोलन का हिस्सा है।”
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उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी समेत जनहित के अन्य क्षेत्रों में बदलाव करके दिखाया है। अगर भाजपा की सरकार इसे आगे बढ़ाती है तो यह भी हमारी जीत होगी, क्योंकि हम खुद को सत्ता में बनाए रखने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी समेत जरूरी मुद्दों पर परिवर्तन करने के लिए आए हैं। अगर दूसरी पार्टियां अपनी परंपरागत राजनीति, भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी, जाति व धर्म की लड़ाइयां छोड़ कर इस दिशा में बात भी करने लगती हैं, तो इसे भी हमें अपनी सफलता के रूप में देखना चाहिए।
उन्होंने कहा , “भले ही चुनाव के नतीजे हमारे मुताबिक नहीं आए, लेकिन सबने खूब मेहनत की है। हम सब मिलकर एक चुनाव नहीं, बल्कि एक आंदोलन के लिए लड़ रहे थे। हम अपने उस सपने को जी रहे थे कि राजनीति ईमानदारी और काम की भी हो सकती है। जब इस देश की राजनीति जाति, धर्म और गुंडागर्दी से घिरी हुई है, ऐसे में कोई एक पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली-पानी के दम पर चुनाव लड़ सकती है।”
आप नेता ने कहा “हम एक चुनाव में हार से उदास हो जाएं, ऐसे कमजोर लोग नहीं हैं। किसी की मेहनत बेकार नहीं गई। हम देश के भविष्य के लिए काम कर रहे थे। भले ही एक चुनाव में मन मुताबिक नतीजे नहीं आए हैं, लेकिन हमारी लड़ाई आगे बढ़ी है। इसको और आगे बढ़ाएंगे और अगले चुनाव में और शिद्दत से लड़ेंगे।”