Delhi News: नयी दिल्ली: उद्योग परिसंघ सीआईआई ने चालू वित्त वर्ष के पूर्ण बजट की तैयारियों के मद्देनजर आज अपने सुझाव वित्त मंत्रालय को सौंपे जिसमें उसने पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने और 20 लाख रुपये तक की कर योग्य आय पर कर में कुछ राहत देने की अपील की है। सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने यहां राजस्काव सचिव संजय मल्होत्रा के साथ बजट-पूर्व परामर्श के दौरान अपना ज्ञापना सौंपा जिसमें कहा गया है कि पूंजी निवेश पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार को अंतरिम बजट में प्रस्तावित 16.8 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले अपने पूंजीगत व्यय में 25 प्रतिशत की वृद्धि करने पर विचार करना चाहिए। इस वर्ष पूंजी व्यय का मुख्य ध्यान सिंचाई, भंडारण और कोल्ड चेन जैसे ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण पर होना चाहिए। इसबीच श्री पुरी और सीआईआई के महासचिव सी बनर्जी ने आज यहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी भेंट की।
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ज्ञापन में कहा गया है कि अल्पावधि में उपभोग मांग को बढ़ावा देने के लिए 20 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले स्पेक्ट्रम के निचले छोर पर आयकर में मामूली राहत प्रदान करना; पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी: मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि; पीएम किसान के तहत डीबीटी राशि बढ़ाना जैसे कदम सीआईआई द्वारा सुझाए गए हैं।
ईओडीबी और सीओडीबी पर निरंतर जोर देकर भारत की विनिर्माण क्षमता को अनलॉक करना। उन्नत विनिर्माण में एक मिशन के साथ-साथ उन्नत सामग्री पर एक मिशन का गठन किया जाना चाहिए। कृषि और ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा, जिसमें ग्रामीण स्तर के उद्यमियों को प्रोत्साहित करके और एकीकृत ग्रामीण व्यापार केंद्र विकसित करके गैर-कृषि ग्रामीण नौकरियों का सृजन शामिल है।
इसमें कहा गया है कि सरकार को विशेष रूप से एमएसएमई के लिए डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम करने और लचीलापन बनाने के लिए ग्रीन ट्रांजिशन फंड की घोषणा करनी चाहिए। सरकार को जल सुरक्षा पर एक राष्ट्रीय मिशन शुरू करना चाहिए। सीआईआई ने उचित परिणाम संकेतकों के आधार पर रोजगार सृजन से जुड़े प्रोत्साहनों के साथ उच्च विकास क्षमता वाले श्रम गहन क्षेत्रों के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का भी सुझाव दिया। इसके अतिरिक्त श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कोष। 2030 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य (जीडीपी का 3 प्रतिशत) और शिक्षा (जीडीपी का 6 प्रतिशत) पर व्यय बढ़ाने के लिए रोडमैप की घोषणा करना। सीआईआई ने कहा है कि जीएसटी सुधारों के तहत पेट्रोलियम, रियल एस्टेट, बिजली को शामिल करके जीएसटी को तीन स्तरीय संरचना के तहत लाने के लिए शुरू किया जाएगा।
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