Delhi News: नयी दिल्ली: सेना के 150 से भी अधिक जवान भारत- तिब्बत चीन सीमा पर माणा गांव में सड़क निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों को बचाने के अभियान में दिन रात जुटे हुए हैं। सेना के अनुसार उसकी आईबेक्स ब्रिगेड- जिसमें असम रेजिमेंट और गढ़वाल स्काउट्स के 150 से अधिक सैनिक शामिल हैं भारी हिमस्खलन के बाद खराब मौसम और लगातार बर्फबारी का सामना कर रही है। हिमस्खलन के कारण कुल 55 मजदूरों के फंसे होने का संदेह था। कल रात तक इनमें से 33 को बचा लिया गया या वे सुरक्षित पाए गए हैं। आज भी 15 लोगों को बचाया गया है । इनमें से एक की हालत गंभीर है। बाकी सात मजदूरों की खोज और निकासी अभी भी जारी है। बचाव प्रयासों को बढ़ाने के लिए सेना के जवानों के अलावा इंजीनियरिंग प्लांट उपकरण, हिमस्खलन बचाव रडार और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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मौके पर मौजूद सेना के डॉक्टरों ने गंभीर रूप से घायल लोगों को बचाने के लिए जीवन रक्षक सर्जरी की है, जबकि जोशीमठ हेलीपैड से हेलीकॉप्टर ऑपरेशन जोरों पर है । इस अभियान में भारतीय सेना विमानन और वायु सेना के आठ हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब तक माना से जोशीमठ तक कुल 19 लोगों को निकाला जा चुका है। सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग और सीमा सड़क के महानिदेशक समेत उच्च पदस्थ अधिकारी ऑपरेशन की निगरानी और समन्वय के लिए मौजूद हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर स्थिति की जानकारी ली है।