दिल्ली हाईकोर्ट ने रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स को समन जारी किया, समीर वानखेड़े के मानहानि मुकदमे में आया नया मोड़

Delhi High Court/”The Bads of Bollywood” News: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और नेटफ्लिक्स को समन जारी कर दिया। यह कार्रवाई पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) अधिकारी और भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि मुकदमे के तहत की गई है। वानखेड़े ने शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज और उनके बेटे आर्यन खान के निर्देशन में बनी नेटफ्लिक्स सीरीज “द बा***ड्स ऑफ बॉलीवुड” पर आरोप लगाया है कि इसमें उनकी छवि को बदनाम किया गया है।

यह मुकदमा सितंबर 2025 में दायर किया गया था, जब सीरीज 18 सितंबर को रिलीज हुई। वानखेड़े का दावा है कि सीरीज में एक दृश्य में एक नारकोटिक्स अधिकारी को नकारात्मक तरीके से चित्रित किया गया है, जो उनकी 2021 की मुंबई क्रूज ड्रग्स केस जांच से प्रेरित लगता है।
उस केस में आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था, जो बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा हो गए। वानखेड़े ने कहा है कि यह सामग्री न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि ड्रग्स विरोधी एजेंसियों के प्रति जनता के विश्वास को भी कमजोर करती है।
मुकदमे में वानखेड़े ने स्थायी निषेधाज्ञा, घोषणा और 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है। उन्होंने यह राशि टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल को कैंसर रोगियों के इलाज के लिए दान करने का प्रस्ताव दिया है।
याचिका में रेड चिलीज एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (जो शाहरुख खान और गौरी खान के स्वामित्व वाली है), नेटफ्लिक्स के अलावा एक्स कॉर्प (पूर्व ट्विटर), गूगल एलएलसी, मेटा प्लेटफॉर्म्स और अन्य को भी पक्षकार बनाया गया है। वानखेड़े के वकील सीनियर एडवोकेट संदीप सेठी ने तर्क दिया कि सीरीज का प्रसारण पूरे देश में हो रहा है, जिससे दिल्ली में भी नुकसान हुआ है।

कोर्ट में पिछली सुनवाई 26 सितंबर को हुई थी, जहां जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने मुकदमे की वैधता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि मामला मुंबई में क्यों नहीं दायर किया गया, जहां जांच हुई थी। कोर्ट ने वानखेड़े को याचिका में संशोधन करने और दिल्ली में उत्पन्न कारण का स्पष्ट प्रमाण पेश करने का निर्देश दिया था। आज की सुनवाई में, संशोधित याचिका पर संतुष्टि जताते हुए कोर्ट ने रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स को जवाब दाखिल करने के लिए समन जारी कर दिए। रेड चिलीज की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और नेटफ्लिक्स की ओर से मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा।

यह विवाद बॉलीवुड और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बढ़ते तनाव को उजागर करता है। वानखेड़े ने कहा है कि सीरीज का उद्देश्य उनकी प्रतिष्ठा को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना है, खासकर जब आर्यन खान से जुड़ा केस अभी भी बॉम्बे हाईकोर्ट और एनडीपीएस स्पेशल कोर्ट में लंबित है। दूसरी ओर, सीरीज के निर्माताओं का कहना है कि यह काल्पनिक कहानी है, जो फिल्म इंडस्ट्री की अंधेरी दुनिया पर आधारित है।

मामले की अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन यह फैसला ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सामग्री की सीमाओं और रचनात्मक स्वतंत्रता के बीच संतुलन पर बहस छेड़ सकता है। वानखेड़े, जो 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं, पहले मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम्स में तैनात रहे और बाद में एनसीबी में जोनल डायरेक्टर बने। 2023 में सीबीआई ने उन पर शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था, जिसकी जांच चल रही है।

यह घटना सोशल मीडिया पर भी छाई हुई है, जहां #BadsofBollywood और #SameerWankhede जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट का अंतिम फैसला डिजिटल कंटेंट रेगुलेशन के लिए मिसाल कायम कर सकता है।
यहां से शेयर करें