गौतम गंभीर और उनका फाउंडेशन, कोविड-19 दवाओं का मामला, राहत मिलने की उम्मीद कम

Delhi High Court/ Gautam Gambhir News: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच और पूर्व सांसद गौतम गंभीर, उनके गौतम गंभीर फाउंडेशन और अन्य के खिलाफ कोविड-19 दवाओं के अवैध भंडारण और वितरण के आरोपों में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। यह मामला 2021 में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान सामने आया था, जब गंभीर और उनके फाउंडेशन पर कोविड-19 की दवा फैबीफ्लू और ऑक्सीजन सिलेंडरों के अनधिकृत भंडारण और वितरण का आरोप लगा था।

दिल्ली औषधि नियंत्रण विभाग (डीडीसीडी) ने हाई कोर्ट को बताया कि गौतम गंभीर फाउंडेशन ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 18(सी) और 27(बी)(ii) का उल्लंघन करते हुए बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण और वितरण किया। डीडीसीडी के अनुसार, फाउंडेशन ने 2349 स्ट्रिप्स फैबीफ्लू दवा और 120 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे थे, जिन्हें मरीजों को मुफ्त में बांटा गया। इस दौरान फाउंडेशन ने दवाओं की खरीद और वितरण के लिए आवश्यक लाइसेंस नहीं लिया था, जो कानून के तहत अनिवार्य है।

हाई कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर से सवाल किया था कि क्या सभी सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों, जैसे गुरुद्वारों और मंदिरों, के खिलाफ भी ऐसी कार्रवाई की जाएगी, जो महामारी के दौरान लोगों की मदद कर रहे थे। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि गंभीर का इरादा भले ही नेक रहा हो, लेकिन उनका तरीका कानून के अनुरूप नहीं था। डीडीसीडी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि गंभीर फाउंडेशन और संबंधित डीलरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जिसमें 10 दिनों के लिए डीलरों के लाइसेंस निलंबित किए गए थे।

यह मामला उस जनहित याचिका के जवाब में सामने आया, जिसमें कोविड-19 दवाओं की कमी के बीच नेताओं द्वारा दवाओं और ऑक्सीजन के थोक में खरीद और वितरण की जांच की मांग की गई थी। गंभीर के अलावा, आम आदमी पार्टी के विधायक इमरान हुसैन और प्रवीण कुमार के खिलाफ भी इसी तरह के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। रोहिणी की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रीतु राज की अदालत में यह मामला चल रहा है।

गंभीर ने उस समय कहा था कि उन्होंने लोगों की जान बचाने के लिए दवाएं और ऑक्सीजन उपलब्ध कराई थीं, और वह भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे, भले ही उनके खिलाफ कई याचिकाएं दायर हों। उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि दिल्ली में दवाओं और ऑक्सीजन की कमी क्यों थी।

हाई कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को नियमित रूप से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख अभी निर्धारित नहीं की गई है। यह मामला गंभीर और उनके फाउंडेशन के लिए कानूनी चुनौती बना हुआ है, और इसकी प्रगति पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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