Delhi Crime: कुछ इस तरह एस्कॉर्ट सर्विसेज के नाम पर करते थे ठगी

नई दिल्ली । दक्षिणी दिल्ली के साइबर थाना पुलिस ने एस्कॉर्ट सर्विसेज के नाम पर लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से चार मोबाइल फोन, छह सिम कार्ड दो पेटीएम खाते को जब्त किया गया है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान अशोक पाटीदार, दीपक टेलर, मनीष पाटीदार, रौनक सुथार  और विनोद पाटीदार  के रूप में हुई है। सभी आरोपित राजस्थान के डूंगरपुर जिले के रहने वाले हैं।

पुलिस ने पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार
दक्षिण जिले की डीसीपी चंदन चौधरी ने वीरवार को बताया कि साइबर पुलिस स्टेशन दक्षिण जिले में एक शिकायत प्राप्त हुई जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 17 मई को उसने एस्कॉर्ट सेवाओं के लिए वेबसाइटों पर आॅनलाइन खोज की और एक वेबसाइट से प्राप्त मोबाइल नंबर पर कॉल किया। अपने व्हाट्सएप पर लड़कियों की तस्वीरें साझा करने के बाद उसने उनमें से एक को एस्कॉर्ट सेवा के लिए चुना। उसके बाद कथित व्यक्ति के निदेर्शानुसार, उसने आॅनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से दिए गए साझा बैंक खाता संख्या में एस्कॉर्ट सेवाओं के लिए पंजीकरण शुल्क के रूप में 500 रुपये स्थानांतरित कर दिए।

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उसके बाद होटल बुकिंग शुल्क, पुलिस सत्यापन शुल्क, कार सेवा शुल्क और आदि के बहाने, उसने आॅनलाइन भुगतान विधियों के माध्यम से विभिन्न साझा बैंक खातों और क्यूआर कोड में कुल 1,48,047 रुपये का भुगतान किया। अंत में शिकायतकर्ता ने सेवाओं के लिए मना कर दिया और पैसे वापस करने के लिए कहा, लेकिन आरोपित व्यक्ति ने अपनी भुगतान की गई राशि वापस करने के लिए और पैसे की मांग की और उसके बाद शिकायतकर्ता के फोन कॉल प्राप्त करने से मना कर दिया।
इसके बाद शिकायतकर्ता को लगा कि उसके साथ धोखा हुआ है और उसने शिकायत दर्ज कराई। इस संबंध मे पीएस साइबर/साउथ, दिल्ली में दर्ज किया गया था और जांच की गई थी। मामले की संवेदनशीलता और घटना को ध्यान में रखते हुए एसीपी राजेश कुमार की देखरेख में टीम का गठन किया गया।

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चार मोबाइल फोन, छह सिम कार्ड दो पेटीएम खाते किए जब्त
शुरूआती पूछताछ के दौरान शिकायतकर्ता से विस्तार से पूछताछ की गई। कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) और मनी ट्रेल का विस्तृत तकनीकी विश्लेषण लगातार किया गया। टीम ने मामले के सभी उपलब्ध पहलुओं पर काम किया। टीम के प्रयास रंग लाए जब संदिग्ध मोबाइल नंबरों की लगातार निगरानी की गई। आरोपित द्वारा उपयोग किए गए सभी मोबाइल नंबरों के लिए कॉल डिटेल रिकॉर्ड और ग्राहक आवेदन पत्र प्राप्त किए गए और उनका विश्लेषण किया गया और अन्य व्यक्तियों के नाम से खरीदा गया पाया गया। ठगी गई राशि के लाभार्थी के बैंक खाते के विवरण के साथ-साथ लाभार्थी के पेटीएम खाते संबंधित बैंकों और पेटीएम सेवा प्रदाताओं से प्राप्त किए गए थे।

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