दिल्ली: क्लाउड सीडिंग फेल, 4 घंटे इंतज़ार के बाद भी नहीं हुई बारिश; भारी प्रदूषण की मार जारी, AQI 300 के पार

Cloud seeding fails/Delhi News: राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा से त्रस्त लोगों को मंगलवार को क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) से बड़ी राहत की उम्मीद थी, लेकिन 4 घंटे इंतज़ार के बाद भी आसमान से एक बूंद भी नहीं गिरी। IIT कानपुर की मदद से किया गया यह पहला ट्रायल पूरी तरह नाकाम रहा। बादलों में नमी की भारी कमी के कारण सिल्वर आयोडाइड केमिकल छिड़कने के बावजूद बारिश नहीं हो सकी।

क्या हुआ था ट्रायल में?
मंगलवार दोपहर कानपुर से सेसना विमान उड़ान भरकर दिल्ली के ऊपर पहुंचा। दो राउंड में कुल 16 फ्लेयर्स (8-8) फायर किए गए, जिनमें सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड का मिश्रण था। केमिकल बादलों के कणों से चिपककर पानी की बूंदें बनाते हैं, जो बारिश का रूप ले लेती हैं। लेकिन नमी सिर्फ 15-20% थी, जबकि सफलता के लिए कम से कम 30-40% जरूरी होती है।

IIT कानपुर के डायरेक्टर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा, “ट्रायल पूरी तरह सफल नहीं रहा, लेकिन कुछ इलाकों में प्रदूषण 6-10% कम हुआ। यह SOS सॉल्यूशन है, लंबे समय का नहीं।” नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हल्की फुहारें पड़ीं, लेकिन दिल्ली में कुछ नहीं।

लागत: 64 लाख प्रति ट्रायल, कुल 3.2 करोड़!
दिल्ली सरकार ने IIT कानपुर के साथ 3.2 करोड़ का करार किया। एक ट्रायल की कीमत ही 64 लाख। विपक्ष AAP ने BJP सरकार पर टैक्सपेयर्स का पैसा बर्बाद करने का आरोप लगाया। कहा, “शर्तें अनुकूल न होने पर भी जबरदस्ती ट्रायल कराया।”

प्रदूषण की स्थिति: ‘बहुत खराब’ से नीचे नहीं उतरा AQI
आज सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत AQI 306 (‘बहुत खराब’) दर्ज। कई जगह 300 पार। GRAP-II लागू, निर्माण कार्य बंद। दीवाली के पटाखों, पराली जलाने और वाहनों से हवा ज़हरीली। CPCB के मुताबिक, PM2.5 और PM10 लेवल खतरनाक।

आज दो और ट्रायल, होगी सफलता?
आज बुधवार को दो और फ्लाइट्स से ट्रायल। मौसम विभाग ने बादल आने की उम्मीद जताई। लेकिन एक्सपर्ट्स चेताते हैं- क्लाउड सीडिंग 53 साल बाद दिल्ली में, लेकिन जड़ें न सुलझें तो फायदा सीमित। वाहन उत्सर्जन, कंस्ट्रक्शन, पराली पर फोकस जरूरी।

दिल्लीवासी सांस लेने को बेताब, सरकार पर सवाल तेज़! क्या कृत्रिम बारिश बनेगी जादू की छड़ी, या फिर स्मॉग की मार जारी रहेगी? अपडेट्स के लिए बने रहें।

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