बिहार चुनाव
बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए ने विपक्ष को करारी शिकस्त दी, जिससे मोदी सरकार का केंद्रीय नेतृत्व और मजबूत हो गया। यह जीत न केवल राज्य स्तर पर नीतीश कुमार और भाजपा की साझेदारी को पुख्ता करती है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी विपक्षी एकता को कमजोर करती दिखाई देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परिणाम ऐसे समय में आया है जब भारत को पड़ोसी देशों से लगातार खतरे का सामना करना पड़ रहा है। एनडीए की यह जीत सरकार को ‘मुनिर ट्रैप’ में फंसने से बचाने में मददगार साबित हो रही है, जहां पाकिस्तान की ओर से उकसावे की कोशिशें बढ़ रही हैं।
लाल किले धमाका
18 नवंबर 2025 को दिल्ली के एतेहासिक लाल किले परिसर में हुए धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। यह विस्फोट आतंकी संगठनों की ओर से एक सुनियोजित हमला था, जिसकी जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है, लेकिन खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान के इशारे पर संदेह जताया है। धमाके में करीब 13 लोग मारे गए, लेकिन यह घटना स्वतंत्रता दिवस के प्रतीक स्थल पर केंद्र सरकार के खिलाफ एक सीधी चुनौती के रूप में देखी जा रही है। जांच एजेंसियां अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संभावित रोल की पड़ताल कर रही हैं, और यह मामला भारत-पाक तनाव को और गहरा सकता है।
जनरल मुनिर का रोल
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनिर हाल के महीनों में भारत के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी के लिए चर्चा में हैं। मुनिर के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को घेरने की कोशिश की है, साथ ही बॉर्डर पर घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, लाल किले धमाका मुनिर की ‘हाइब्रिड वॉरफेयर’ रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसका मकसद भारत की आंतरिक स्थिरता को कमजोर करना है। मुनिर का यह दृष्टिकोण 2024 के बाद से और तेज हुआ है, जब पाकिस्तान ने आर्थिक संकट के बावजूद सैन्य खर्च बढ़ाया।
तीनों घटनाओं का सामान्य सूत्र
इन तीनों घटनाओं का लिंक भारत की भू-राजनीतिक चुनौतियों से जुड़ा है। जहां लाल किले धमाका सरकार के लिए एक सीधी सुरक्षा चुनौती है, वहीं बिहार चुनाव परिणाम इसे संतुलित करने वाला कारक बन गया है। विशेषज्ञ प्रणब धल सम्हता के अनुसार, “ये घटनाएं अलग लगती हैं, लेकिन ये एक सामान्य राजनीतिक फ्रेम से बंधी हैं। एक तरफ चुनौती, दूसरी तरफ मजबूती—जो भारत को पाकिस्तान के उकसावों के बीच स्थिर रखने में मदद कर रही है।” मोदी सरकार अब इन घटनाओं को आधार बनाकर कठोर कदम उठा सकती है, जैसे सीमा पर सतर्कता बढ़ाना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करना।
भविष्य की संभावनाएं
बिहार जीत के बाद मोदी सरकार को अब रणनीतिक फैसले लेने की अधिक गुंजाइश मिल गई है। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि मुनिर जैसे नेताओं की ओर से और उकसावे हो सकते हैं।
भारत को अपनी आंतरिक एकता बनाए रखते हुए बाहरी खतरों का मुकाबला करना होगा। फिलहाल, दिल्ली पुलिस और एनआईए की जांच तेज हो गई है, और केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को कूटनीतिक नोटिस भेजने की तैयारी की है।
यह घटनाक्रम भारत की सुरक्षा और राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है। अधिक अपडेट के लिए बने रहें।

