मौतो का आंकड़ा बढ़ा, स्थानीय लोगों ने दी मानवता की मिसाल

Car explosion near metro station news: राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक लाल किले के पास सोमवार शाम को एक कार में हुए विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया। घटना के दो दिन बाद भी दिल्ली में हाई अलर्ट है, जबकि जांच एजेंसियां संदिग्धों की तलाश में जुटी हुई हैं। विस्फोट में मरने वालों की संख्या 13 हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। शुरुआती जांच में इसे आतंकी साजिश का रूप मिला है, लेकिन स्थानीय लोगों की निस्वार्थ मदद ने इस विपदा में एक किरण की तरह उम्मीद जगाई। पर्यटक भटक गए थे, दिशा-भ्रम में फंसे थे, लेकिन ऑटो चालक, दुकानदार और खाने की स्टॉल पर मददगार बने ‘असली हीरो’।

घटना सोमवार शाम करीब 6:52 बजे घटी, जब एक धीमी गति से चल रही ह्यूंडई i20 कार ने रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास ट्रैफिक सिग्नल पर रुकते ही जोरदार धमाका कर दिया।

सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि एक चमकदार फ्लैश के साथ कार आग का गोला बन गई, जिससे आसपास की दो-तीन गाड़ियां भी जलकर खाक हो गईं। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि आसपास की दुकानों की खिड़कियां टूट गईं और सड़क पर मलबा बिखर गया। लोक नायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल में घायलों का इलाज चल रहा है, जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, विस्फोट में इस्तेमाल विस्फोटक गैस सिलेंडर और अन्य सामग्री से जुड़े हैं, जिन्हें फॉरेंसिक टीमें ने 42 नमूनों के रूप में बरामद किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने केस अपने हाथ में ले लिया है और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत जांच शुरू कर दी है।

पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने बताया कि कार ट्रैफिक लाइट पर रुकी थी, जब यह हादसा हुआ। संदिग्धों में एक डॉक्टर का नाम सामने आया है, जो जम्मू-कश्मीर से जुड़ा बताया जा रहा है।

9 नवंबर को फरीदाबाद में 350 किलोग्राम विस्फोटक बरामद होने के बाद यह घटना संयोग नहीं लग रही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान दौरे के दौरान गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और कहा, “षड्यंत्रकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।” दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है। अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को पर्यटक क्षेत्रों में सतर्क रहने की सलाह दी है। रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन आज भी बंद रहा, जबकि चांदनी चौक बाजार में सुरक्षा बढ़ा दी गई। पूरे देश में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और स्मारकों पर हाई अलर्ट जारी है।

लेकिन इस अराजकता के बीच मानवता की मिसालें भी देखने को मिलीं। विस्फोट के तुरंत बाद इलाके में भगदड़ मच गई। पर्यटक, जो पुरानी दिल्ली के बाजारों में घूमने आए थे, दिशाहीन होकर फंस गए। धुंध और धुएं के बीच लोग चीख रहे थे, लेकिन स्थानीय लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर सैकड़ों को सुरक्षित निकाला। एक ऑटो चालक, जिन्होंने अपना नाम गोपनीय रखा, ने बताया, “मैं स्टेशन के पास खड़ा था। धमाका होते ही लोग भागने लगे। मैंने अपनी ऑटो में 8-10 पर्यटकों को बिठाकर नजदीकी सुरक्षित जगह पहुंचाया। डर था, लेकिन किसी की जान बचाना जरूरी था।” एक खाने की स्टॉल पर काम करने वाले हेल्पर ने 15 महिलाओं और बच्चों को अपनी दुकान के पीछे छिपाया और पुलिस तक पहुंचाया। एक दुकानदार उमेश राय ने कहा, “हमारे जूते पर भी मांस का टुकड़ा चिपक गया था। फिर भी हमने घायलों को उठाकर अस्पताल पहुंचाया। यह हमारा फर्ज था।”

सोशल मीडिया पर भी इन ‘अनाम हीरोज’ की तारीफ हो रही है। एक यूजर ने लिखा, “आतंक के साए में भी दिल्लीवाले की जज्बा देखिए।” पूर्व बाबरी मस्जिद विवादित पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा, “जो भी इस अपराध का दोषी है, भगवान की नजर उन पर पड़ेगी।” कर्नाटक के मंत्री के. वेंकटेश ने इसे ‘शिक्षित लोगों की साजिश’ बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की।

यह घटना दिल्ली के लिए एक झकझोरने वाला पल है, जो सुरक्षा चूक की ओर इशारा करती है। लेकिन स्थानीय लोगों की बहादुरी ने साबित कर दिया कि विपदा में भी इंसानियत जीत जाती है। जांच जारी है, और उम्मीद है कि दोषियों को जल्द सजा मिलेगी।

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