राजस्थान में चक्रवात ‘मोंथा’ का कहर: तापमान 8 डिग्री लुढ़का, उदयपुर में आज भी झमाझम बारिश, 13 जिलों में नवंबर में बारिश को लेकर अलर्ट

Rajasthan/Cyclone Montha News: बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में विकसित चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के प्रभाव से राजस्थान का मौसम पूरी तरह से उलट-पुलट हो गया है। अक्टूबर महीने में रिकॉर्ड 400 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज होने के बाद शुक्रवार को भी दक्षिणी और पूर्वी जिलों में झमाझम बरसात जारी रही। उदयपुर में तापमान 8 डिग्री सेल्सियस गिरकर सबसे ठंडा शहर बन गया, जबकि सीकर और जयपुर में घनी धुंध ने विजिबिलिटी को कम कर दिया। मौसम विभाग ने 13 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है और नवंबर के पहले सप्ताह में नया मौसमी सिस्टम सक्रिय होने की चेतावनी दी है, जिससे फिर से हल्की-मध्यम बारिश के आसार हैं।

चक्रवात ‘मोंथा’ का असर 26 अक्टूबर से शुरू हुआ था, जब बंगाल की खाड़ी में डिप्रेशन ने तेजी पकड़ी और अरब सागर का सिस्टम भी सक्रिय हो गया। इसके परिणामस्वरूप जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और अजमेर जैसे प्रमुख शहरों में लगातार तीन दिनों तक तेज बारिश हुई। पिछले 24 घंटों में उदयपुर संभाग में सबसे अधिक प्रभाव देखा गया, जहां 1-3 इंच तक वर्षा रिकॉर्ड की गई। चित्तौड़गढ़ में तो अक्टूबर भर में औसत से 1177 प्रतिशत अधिक (178 मिमी) बारिश हो चुकी है। बारिश के कारण अधिकतम तापमान सामान्य से 5-12 डिग्री नीचे आ गया, जिससे सर्दी ने अचानक दस्तक दे दी।

प्रमुख शहरों में तापमान और मौसम की स्थिति
राज्य भर में ठंड बढ़ने से लोगों को गुलाबी ठंड का एहसास हो रहा है। यहां कुछ प्रमुख शहरों का अपडेट है:
शहर अधिकतम तापमान (°C) न्यूनतम तापमान (°C) मौसम की स्थिति
उदयपुर 22.2 18.1 हल्की बारिश, बादल छाए
जयपुर 28.0 18.0 धुंध, हल्की बूंदाबांदी
कोटा 23.6 18.6 मध्यम बारिश, ठंडी हवाएं
जोधपुर 28.4 20.0 आंशिक बादल, हल्की वर्षा
सिरोही 19.4 14.7 सबसे ठंडा, येलो अलर्ट
बीकानेर 30.8 19.8 शुष्क, लेकिन ठंड बढ़ रही
स्रोत: मौसम विभाग जयपुर। सिरोही में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री से नीचे लुढ़क गया, जो राज्य का सबसे कम है। जयपुर में सुबह की धुंध से ट्रैफिक प्रभावित रहा, जबकि उदयपुर में आज भी बरसात के कारण सड़कें गीली हैं।

अलर्ट और पूर्वानुमान: नवंबर में फिर बदलेगा मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने 13 जिलों—उदयपुर, कोटा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, बारां, झालावाड़, अजमेर, जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और भरतपुर—में येलो अलर्ट जारी किया है। 31 अक्टूबर तक हल्की-मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है, खासकर दक्षिण राजस्थान में। 1 नवंबर से अधिकांश भागों में मौसम शुष्क हो जाएगा, लेकिन 3-4 नवंबर को नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इससे उदयपुर, अजमेर और कोटा संभागों में मेघगर्जन के साथ हल्की बौछारें पड़ सकती हैं।

प्रथम सप्ताह (31 अक्टूबर से 6 नवंबर) में दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान में बादल छाए रहेंगे, जबकि द्वितीय सप्ताह (7-13 नवंबर) में शुष्क मौसम की उम्मीद है। हालांकि, जोधपुर, बीकानेर और जयपुर संभागों में कहीं-कहीं मध्यम बारिश हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, चक्रवात का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन ठंडी हवाओं से न्यूनतम तापमान और गिर सकता है।

किसानों पर संकट: फसलें बर्बाद, नुकसान का आकलन शुरू
अनावृष्टि वर्षा ने किसानों को झटका दिया है। उदयपुर, प्रतापगढ़, कोटा और बारां में कटाई हो चुकी फसलें भीग गईं, जिससे सड़न का खतरा बढ़ गया। प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, 87,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र प्रभावित हुआ है। राज्य सरकार ने नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया है। किसान संगठनों ने मुआवजे की मांग की है।

मौसम विभाग ने यात्रियों को सतर्क रहने और बिजली-पानी की आपूर्ति प्रभावित न होने देने की सलाह दी है। आने वाले दिनों में धुंध और ठंड से सड़क हादसों का जोखिम भी बढ़ सकता है। कुल मिलाकर, चक्रवात ‘मोंथा’ ने राजस्थान को सर्दियों का एडवांस गिफ्ट दे दिया है, लेकिन नवंबर में नई चुनौतियां भी ला रहा है। अपडेट के लिए IMD की वेबसाइट चेक करते रहें।

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