Cyclone Michaung ने तमिलनाडु समेत इन राज्यों में मचाई तबाही, क्या होते है चक्रवात और कैसे बनते है, जानें

Cyclone Michaung: समुद्री सीमाओं से लगे राज्यों में चक्रवात यानी साइक्लोन का आना-जाना लगा रहता है। छोटे-छोटे साइक्लोन बहुत आते हैं जिनका उत्तर भारत में पता भी नहीं चलता लेकिन जब कोई चक्रवात खतरनाक रूप ले ले तो उसका असर पूरे ही देश पर दिखाई देता है। चेन्नई तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश और ओडिसा आदि राज्य साइक्लोन मिचैंग से प्रभावित है। मिचैंग ने चेन्नई और पुडुचेरी में तबाही मचा दी है। कहीं पर नाव चलने लगी है तो कहीं लोग पानी में ही डूब कर इधर-उधर जाने के लिए मजबूर हैं। तेज बारिश के चलते तमिलनाडु के कई जिलों में छुट्टी घोषित कर दी गई। चेन्नई एयरपोर्ट में पानी भर जाने के कारण बंद किया गया लेकिन आज सुबह से ही धीरे-धीरे फ्लाइट उड़ाई जा रही है। मिचैंग ने दक्षिण उत्तर भारत पर भी असर डाल दिया है।

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मिचैंग ने दक्षिण भारत के कई राज्यों को सीधे क्षति पहुंचानी शुरू कर दी है। चेन्नई के कई पाॅश इलाके जलमग्न हो गए हैं। तंबारम पेरूबक्कम, मेरिना बीच आदि इलाकों में पानी घुटनों तक भर आया है। गृहमंत्री अमित शाह ने चक्रवात को लेकर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से बात की है। वहां का हाल जाना है इसके अलावा पुडुचेरी के मुख्यमंत्री से भी उन्होंने बातचीत की। कहा जो भी संभव है सहायता दी जाएगी। अब यह साइक्लोन तमिलनाडु के साथ-साथ ओडिशा, आंध्र प्रदेश में भी अपना कहर बरपा रहा है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति इलाके में काफी पानी भर चुका है, लेकिन अब धीरे-धीरे पानी का स्तर कम होता जा रहा है। ओडिशा में भारी बारिश है जिसे देखते हुए गजपति जिले के डीएम ने आज अवकाश घोषित कर दिया है। एक बार फिर से चेन्नई में एयरपोर्ट धीरे-धीरे चालू किया जा रहा है, क्योंकि एयरपोर्ट पर भी पानी भर गया था।

 

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अब बताते हैं कि चक्रवात कैसे बनते हैं और यह किस तरह से खतरनाक रूप धारण कर लेते हैं
दरअसल चक्रवात यानी साइक्लोन का फॉर्मेशन कम दबाव वाले क्षेत्र में होता है। जिस स्थान पर चक्रवात हमला करता है उस स्थान की संवेदनशीलता चक्रवात की स्थालकृति, तीव्रता और आवृत्ति पर निर्भर करती है। कुछ ऐसे कारण है जो चक्रवात के निर्माण के लिए जिम्मेदार बताए जाते हैं। समुद्र की सतह पर पर्याप्त मात्रा में गर्म तापमान, वातावरण में अस्थिरता, कोरियॉलिस फोर्स, जब क्षोभमंडल के निचले से मध्य स्टार में ह्यूमिडिटी अधिक होती है। पहले से मौजूद निचले स्तर के क्षेत्र में अशांति, जब हवाएं ऊपर जाना कम कर देती है। यह सब वही कारण है जिससे चक्रवात बनते हैं। कभी कमजोर हो सकता है, तो कभी भयानक रूप ले सकता है। इन्हीं सब बातों पर निर्भर करता है। चलिए अब मैं आपको बताते है कि चक्रवात कितने प्रकार के होते हैं उष्णकटिबंधीय ट्रॉपिकल चक्रवात ध्रुवीय पोलर चक्रवात, मेसोसाइक्लोन एक्स्ट्रा ट्रॉपिकल चक्रवात आदि। ये सभी चक्रवात हर स्थान पर उसके मौसम के अनुसार ही आते है।

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