चक्रवात दित्वाह:सैकड़ो लोगों की मौत, भारी बारिश का अलर्ट

Cyclone Ditwah News: बंगाल की खाड़ी में विकसित चक्रवात ‘दित्वाह’ ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है, जहां बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 123 हो गई है। वहीं, यह तूफान अब उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए भारत के तमिलनाडु, पुदुच्चेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों की ओर सरक रहा है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी दी है कि 30 नवंबर की सुबह तक यह तूफान उत्तर तमिलनाडु-पुदुच्चेरी तट पर पहुंच सकता है, जिससे भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।

बाढ़ और तबाही का दौर
श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) के अनुसार, चक्रवात दित्वाह से प्रभावित 20 जिलों में 15,000 से अधिक घर नष्ट हो चुके हैं। लगभग 44,000 लोग अस्थायी राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं, जबकि 130 लोग लापता बताए जा रहे हैं। कोलंबो और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ से सड़कें डूब गई हैं, पेड़ उखड़ गए हैं और 65,000 से ज्यादा बिजली कनेक्शन कट चुके हैं।

डीएमसी के महानिदेशक संपाठ कोटुवेगोडा ने बताया कि सेना, नौसेना और वायुसेना के हजारों जवान राहत कार्यों में लगे हैं।
श्रीलंका सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है, जिसके जवाब में भारत ने तुरंत ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका को और अधिक मदद का आश्वासन दिया है। भारतीय वायुसेना ने गुरुवार रात को हिंदन एयर बेस से सी-130 और आईएल-76 विमान रवाना किए, जिनमें 21 टन राहत सामग्री, 80 से अधिक एनडीआरएफ कर्मी और 8 टन विशेष उपकरण लादे गए। ये विमान शनिवार सुबह कोलंबो पहुंचे। इसके अलावा, आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि से भी राहत सामग्री भेजी गई। भारतीय दूतावास ने बandaranaike इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी हेल्प डेस्क स्थापित किया है, जहां भारतीय यात्रियों को भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। हेल्पलाइन नंबर: +94 773727832।

कोलंबो में चक्रवात से उड़ानें रद्द होने से 300 भारतीय यात्री, जिनमें 150 तमिलनाडु के निवासी शामिल हैं, तीन दिनों से फंसे हुए हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भारतीय दूतावास से समन्वय कर इनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

भारत पर तत्कालीन प्रभाव
आईएमडी के अनुसार, चक्रवात दित्वाह वर्तमान में श्रीलंका तट और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर केंद्रित है, जो 7 किमी/घंटा की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ रहा है। यह पुडुच्चेरी से 330 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व और चेन्नई से 430 किमी दक्षिण में स्थित है। 29 नवंबर को हवा की गति 50-60 किमी/घंटा रहेगी, जो 70 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।
• तमिलनाडु: दक्षिणी और कावेरी डेल्टा जिलों (कुड्डालोर, मयिलादुथुरै, विल्लुपुरम, चेंगलपट्टू, नागापट्टिनम, तिरुवरुर, तंजावुर, अरियालुर, पेरंबलुर, पुदुकोट्टई) में 29-30 नवंबर को भारी बारिश का पूर्वानुमान। रेड अलर्ट जारी। शनिवार सुबह मयिलादुथुरै में दो घंटे में 44 मिमी बारिश दर्ज। कोडियाकाराई (नागापट्टिनम) में 25 सेमी बारिश। थंजावुर में हल्की से मध्यम बारिश जारी, धान की फसल पर अभी न्यूनतम असर। ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने 40 सड़कों पर रीयल-टाइम बाढ़ निगरानी शुरू की। चेन्नई के जलाशयों (पुंडी, चोलावरम, चेम्बरंबक्कम, रेड हिल्स) से जल छोड़ा जा रहा। तिरुचिरापल्ली में सभी स्कूल बंद।

• पुदुच्चेरी: रेड अलर्ट, सभी स्कूल-कॉलेज बंद। कराईकल में 900 से अधिक नावें सुरक्षित उतारी गईं। पॉन्डिचेरी सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने परीक्षाएं स्थगित कीं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह।

• आंध्र प्रदेश: नेल्लोर, चित्तूर, तिरुपति, अन्नमय्या में 30 नवंबर को रेड अलर्ट। नेल्लोर, प्राकासम, तिरुपति, चित्तूर, अन्नमय्या, कडपा में अत्यधिक भारी बारिश। बापटला, गुंटूर, पलनाडु, नंदियाल में भारी से बहुत भारी बारिश संभव।

तमिलनाडु सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन ने जिला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। एनडीआरएफ की दो टीमें (80 कर्मी, 4 कुत्ते) श्रीलंका रवाना, जो खोज-बचाव उपकरण लेकर गईं। आईएएफ ने कहा, “भारत इस संकट की घड़ी में श्रीलंका के साथ दृढ़ता से खड़ा है।”

आगे की चेतावनी
आईएमडी के निदेशक स्टेला ने बताया कि 1 दिसंबर को हवा की गति धीरे-धीरे 40-50 किमी/घंटा हो जाएगी। लैंडफॉल के बाद नेल्लोर और प्राकासम में अलग-थलग भारी बारिश। तटीय क्षेत्रों में ऊंची लहरें (4 मीटर) और तेज हवाएं रहेंगी। मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह।

यह चक्रवात पिछले एक महीने में तमिलनाडु पर दूसरा मौसमी सिस्टम है, जिससे राज्य बाढ़ जैसी स्थिति के लिए सतर्क है। अधिक अपडेट के लिए आईएमडी की वेबसाइट देखें।

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