भारत में क्रिप्टो की मांग में उछाल, एशिया-पैसिफिक में तेजी, स्टेबलकॉइन और बिटकॉइन की बढ़ती लोकप्रियता

Cryptocurrency/Stablecoin News: भारत में क्रिप्टोकरेंसी की मांग पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व रूप से माँग बढ़ी है। चेनालिसिस के ‘ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स’ 2025 के अनुसार, भारत लगातार तीसरे वर्ष क्रिप्टो अपनाने में वैश्विक स्तर पर शीर्ष स्थान पर है। देश में करीब 11.9 करोड़ क्रिप्टो उपयोगकर्ता हैं, जो वैश्विक उपयोगकर्ताओं का 20% हिस्सा है। यह वृद्धि न केवल महानगरों में, बल्कि छोटे शहरों जैसे जयपुर, लखनऊ, पुणे, बोटाड, और बारबका में भी देखी जा रही है, जहां युवा निवेशक (35 वर्ष से कम उम्र) डिजिटल परिसंपत्तियों की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।

एशिया-पैसिफिक में क्रिप्टो की चाल
एशिया-पैसिफिक क्षेत्र क्रिप्टो और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) के लिए वैश्विक हब बनता जा रहा है। भारत के अलावा, इंडोनेशिया (3.9 करोड़ उपयोगकर्ता) और पाकिस्तान जैसे देश भी क्रिप्टो अपनाने में तेजी दिखा रहे हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया में सरकारों के सक्रिय और स्पष्ट नियामकीय रुख, बढ़ते संस्थागत निवेश, और तकनीकी नवाचार इस क्षेत्र को क्रिप्टो इनोवेशन का केंद्र बना रहे हैं। भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली की मजबूती और तकनीकी साक्षरता ने क्रिप्टो मार्केट को और बल दिया है।
क्या है देशों में इस्तेमाल?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग विविध है। निवेशक बिटकॉइन, एथेरियम, टेदर (स्टेबलकॉइन), शिबा इनु, और डॉजकॉइन जैसे मीम कॉइन्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसके अलावा, पॉलीगॉन, कार्डानो, और यूनिस्वैप जैसे टोकन भी लोकप्रिय हैं। डिजिटल परिसंपत्तियों के लेनदेन में वृद्धि के साथ, क्रिप्टो अब पारंपरिक निवेश जैसे स्टॉक्स और सोने का विकल्प बन रही है, खासकर जब शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है।

स्टेबलकॉइन में तेजी
टेदर जैसी स्टेबलकॉइन, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़ी होती हैं, भारत में निवेशकों के बीच खासी लोकप्रिय हैं। इनका उपयोग मूल्य स्थिरता के लिए किया जाता है, जिससे निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से बच सकते हैं। स्टेबलकॉइन का उपयोग न केवल निवेश, बल्कि डिजिटल लेनदेन और क्रॉस-बॉर्डर भुगतान में भी बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्टेबलकॉइन की मांग भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और वेब3 नवाचारों की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाती है।

बिटकॉइन: पहली पसंद
बिटकॉइन भारत में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बनी हुई है। इसे ‘डिजिटल गोल्ड’ कहा जाता है, और इसकी सीमित आपूर्ति (2.1 करोड़) इसे मूल्य संरक्षण के लिए आकर्षक बनाती है। हाल ही में बिटकॉइन की कीमत 120,000 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची, जो पिछले साल की तुलना में दोगुनी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के क्रिप्टो समर्थक रुख ने भी बिटकॉइन की कीमतों को बढ़ावा दिया है। भारत में बड़े निवेशक और रिटेल ट्रेडर्स दोनों ही बिटकॉइन को अपनी पहली पसंद मान रहे हैं, जबकि सोलाना और एथेरियम भी लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं।

नियामकीय चुनौतियां और भविष्य
भारत में क्रिप्टो पर 30% कैपिटल गेन टैक्स और 1% टीडीएस जैसे सख्त नियम लागू हैं, जो निवेशकों के लिए चुनौती बने हुए हैं। फिर भी, क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे CoinDCX, WazirX, और Mudrex पर ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि देखी जा रही है। CoinDCX ने जून 2025 में 275 मिलियन डॉलर की ट्रेडिंग दर्ज की, जिसमें बड़े निवेशकों का योगदान 50% था। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत का क्रिप्टो मार्केट 2035 तक 15 अरब डॉलर से अधिक का हो सकता है।

CoinDCX और CNBC-आवाज़ का क्रिप्टो कॉर्नर
क्रिप्टो की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, CoinDCX और CNBC-आवाज़ ने ‘क्रिप्टो कॉर्नर’ लॉन्च किया है, जो निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी की बारीकियों, निवेश रणनीतियों, और बाजार के रुझानों के बारे में शिक्षित करने का एक मंच है। यह पहल नए और अनुभवी निवेशकों को क्रिप्टो की दुनिया में जागरूक और सुरक्षित निवेश के लिए प्रेरित कर रही है।

निष्कर्ष
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की मांग तेजी से बढ़ रही है, और एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में यह वृद्धि वैश्विक क्रिप्टो क्रांति का हिस्सा है। बिटकॉइन और स्टेबलकॉइन जैसे टेदर निवेशकों की पहली पसंद बने हुए हैं, जबकि छोटे शहरों से भी क्रिप्टो ट्रेडिंग में उत्साह देखा जा रहा है। नियामकीय चुनौतियों के बावजूद, भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और युवा आबादी इसे क्रिप्टो हब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। CoinDCX जैसे प्लेटफॉर्म और ‘क्रिप्टो कॉर्नर’ जैसी पहलें इस क्षेत्र में जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा दे रही हैं, जो भारत को डिजिटल वित्त के भविष्य में अग्रणी बनाए रखेंगी।

यह भी पढ़ें: हलाल टाउनशिप के नाम पर समाज में नफरत फैलाने का आरोप, इस पर मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने जताई आपत्ति

यहां से शेयर करें